MP कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने छिंदवाड़ा में नकली और जहरीली खांसी की सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ से हुई बच्चों की मौत को लेकर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल स्वास्थ्य विभाग की विफलता नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार का नतीजा है।
पटवारी ने बताया कि अब तक इस खतरनाक दवा से 17 मासूम बच्चों की जान जा चुकी है, जबकि कई बच्चे वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से सवाल किया कि मृतकों के परिजनों से मिलने के बावजूद वेंटिलेटर पर पड़े बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए।
सरकारी फैसले की आलोचना
कांग्रेस अध्यक्ष ने कलेक्टर को हटाने के सरकारी फैसले की भी आलोचना की। उनका कहना था कि यदि कलेक्टर अपनी जगह रहते, तो स्थिति को जल्दी काबू में किया जा सकता था। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल के इस्तीफे की मांग करते हुए सवाल उठाया कि उन्हें क्यों नहीं हटाया जा रहा।
पटवारी ने नकली दवाओं के खतरे पर चिंता जताई और कहा कि इससे पहले भी इसी कंपनी की दवा से बच्चों की मौतें हो चुकी थीं, फिर भी बिक्री जारी रही। उन्होंने फूड कंट्रोलरों पर कमीशन लेने और स्वास्थ्य विभाग में पक्षपात के आरोप भी लगाए।
इलाज जारी
कांग्रेस ने इस घटना को भ्रष्टाचार का परिणाम बताया और कहा कि प्रभावित परिवारों को तुरंत मुआवजा और मुफ्त इलाज मिले। उन्होंने मांग की कि स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य आयुक्त, ड्रग कंट्रोलर और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई और निलंबन किया जाए।
पटवारी ने 9 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में ब्लॉक और जिला स्तर पर एक साथ कैंडल मार्च निकालने की घोषणा की। इस दौरान मृत बच्चों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की लापरवाही और आपराधिक रवैया बच्चों और परिवारों को संकट में डाल रहा है।
