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सोयाबीन किसानों की बदहाली पर MP कांग्रेस का हमला, राहत नहीं मिली तो आंदोलन की दी चेतावनी

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Published On: 11 October 2025

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार को सीहोर जिले के आष्टा मंडी में किसानों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने कहा कि राज्य का किसान आज गहरे आर्थिक संकट में है। फसलें बर्बाद, बीमा कंपनियां गैरजिम्मेदार, और सरकार खामोश। पटवारी ने किसानों के बीच खड़े होकर कहा, “मध्य प्रदेश का अन्नदाता आज खुद भूख से लड़ रहा है, लेकिन सरकार उसे राहत देने के बजाय जश्न मना रही है।”

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को राहत देने के नाम पर सिर्फ ‘भावांतर उत्सव’ का ढोंग रचा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जब मंडियों में सोयाबीन की खरीदी ₹3500 प्रति क्विंटल में हो रही है, तो ₹5328 का भावांतर किसके लिए है? सरकार भ्रम फैला रही है, जबकि किसान अपनी उपज औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं। पटवारी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि ‘भावांतर नहीं, भाव संकट’ का दौर चल रहा है।

तुरंत दी जाए राहत

कांग्रेस नेता ने मांग की कि राज्य सरकार किसानों के खातों में ₹20,000 प्रति बीघा की राहत राशि तुरंत डाले। उन्होंने कहा कि सीहोर, जो कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है, वहां भी किसान परेशान हैं। जब मंत्री के जिले में ऐसी स्थिति है, तो बाकी प्रदेश का हाल कौन पूछेगा?

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में तेज वर्षा और बाढ़ से बची-खुची फसलें भी पूरी तरह नष्ट हो गईं। ऐसे में सरकार का इंतजार या आंकलन करने का रवैया किसानों की तकलीफों से खिलवाड़ है।

कांग्रेस की चेतावनी

पटवारी ने सरकार से अपील की कि किसानों की दुर्दशा पर तुरंत विशेष कैबिनेट बैठक बुलाई जाए और राहत पैकेज की घोषणा की जाए। उन्होंने कहा, “यह किसी पार्टी की राजनीति नहीं है, यह किसानों की इज्जत और अस्तित्व का सवाल है।” कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि प्याज, लहसुन और बीज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जबकि किसान साहूकारों से कर्ज लेकर खेती करने को मजबूर हैं। सरकार अगर अब भी नहीं जागी, तो कांग्रेस खेतों से लेकर राजधानी तक आवाज उठाएगी।

किसानों ने सुनाई अपनी व्यथा

इस मौके पर किसान कांग्रेस अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल, जिला अध्यक्ष राजीव गुजराती, और कई स्थानीय कांग्रेस नेता मौजूद रहे। किसानों ने मंच से सरकार की बीमा नीति और खरीदी व्यवस्था पर नाराजगी जताई और कहा कि उन्हें उचित मूल्य और समय पर भुगतान नहीं मिल रहा।

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