MP राज्य कृषि विपणन बोर्ड की दो अभिनव डिजिटल पहल ई-मंडी एप और एमपी फार्म गेट एप को नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर के सिल्वर ओक हॉल में आयोजित प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड 2025 में सम्मानित किया गया। ई-मंडी एप को स्कॉच गोल्ड और एमपी फार्म गेट एप को स्कॉच सिल्वर अवार्ड प्रदान किया गया। दोनों एप्लिकेशन एनआईसी, भोपाल द्वारा विकसित की गई हैं।
ये लोग रहे मौजूद
पुरस्कार वितरण समारोह में प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर एस. महेंद्र देव, भारत सरकार के 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह, उच्चतम न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. पिंकी आनंद, पूर्व सचिव भारत सरकार डॉ. एम. रामचंद्रन और स्कॉच ग्रुप के अध्यक्ष समीर कोचर उपस्थित रहे। पुरस्कार प्रबंध संचालक कुमार पुरुषोत्तम के निर्देशानुसार वरिष्ठ तकनीकी निदेशक एनआईसी भोपाल मुशर्रफ सुल्तान, सहायक संचालक मंडी बोर्ड योगेश नागले और डॉ. निरंजन सिंह ने पुरस्कार ग्रहण किया।
व्यापार को बढ़ावा
ई-मंडी एप्लिकेशन किसानों और मंडियों के बीच प्रत्यक्ष और पारदर्शी व्यापार को बढ़ावा देती है। यह एप्लिकेशन मंडी प्रांगण में प्रवेश, नीलामी, तौल, भुगतान और अनुज्ञा प्रक्रिया को रियल-टाइम कंप्यूटराइजेशन के माध्यम से संचालित करता है। वर्तमान में यह एप्लिकेशन प्रदेश की सभी 259 मंडियों में क्रियाशील है। लगभग 32 लाख से अधिक किसान इस योजना से सीधे जुड़कर लाभ उठा रहे हैं।
एकमात्र राज्य
वहीं, एमपी फार्म गेट एप किसानों को उनके घर, खलियान या गोदाम से सीधे कृषि उपज बेचने की सुविधा देता है। यह एंड्रॉयड बेस्ड एप निःशुल्क उपलब्ध है और मध्यप्रदेश इसे लागू करने वाला एकमात्र राज्य है। इस एप्लिकेशन के माध्यम से अब तक 8.5 लाख से अधिक किसान अपने उत्पाद का विक्रय कर चुके हैं और 8.5 लाख मेट्रिक टन से अधिक कृषि उपज बेची जा चुकी है। मंडी बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, इन डिजिटल पहल से न केवल किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त हो रहे हैं, बल्कि पूरे राज्य में कृषि विपणन की पारदर्शिता और प्रक्रिया में तेजी भी आई है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों की उपज का रियल-टाइम डेटा उपलब्ध होने से राज्य सरकार नीतिगत फैसले और योजनाओं को और अधिक प्रभावी बना सकती है।
डिजिटल क्रांति
किसानों के लिए यह पहल एक बड़ा डिजिटल क्रांति साबित हो रही है। अब किसान न केवल मंडियों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि अपने मोबाइल फोन के जरिए सीधे अपने उत्पाद का लेन-देन कर लाभ कमा सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में और अधिक किसानों को इस प्लेटफॉर्म से जोड़कर प्रदेश में कृषि व्यापार को और अधिक सशक्त किया जाएगा।