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MP सरकार का बड़ा फैसला, तीन निलंबित; 19 पर हुई सख्त कार्रवाई

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Published On: 24 October 2025

MP के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश की कार्य पद्धति में सुधार और नवाचार की जरूरत है, ताकि जनता के काम समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरे हों। उन्होंने कहा कि जो जिले या विभाग नागरिक शिकायतों को सबसे बेहतर तरीके से सुलझाएंगे, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। वहीं, जहां लापरवाही या देरी पाई जाएगी, वहां सख्त कार्रवाई होगी। समत्व भवन, CM निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अलग-अलग जिलों के लंबित मामलों की समीक्षा की। इस दौरान लापरवाही बरतने वाले तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया, जबकि 19 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।

मुख्यमंत्री ने 5 सरकारी कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोकने, 6 को कारण बताओ नोटिस जारी करने और 7 पर विभागीय जांच शुरू करने के आदेश दिए। एक कर्मचारी पर तो सीधी जांच बैठा दी गई।

अच्छे काम करने वालों को मिली बधाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो अधिकारी जनता की बात को सुनकर तत्परता से काम करते हैं, वही असली सुशासन की पहचान हैं। रायसेन और दतिया जिलों को शिकायत निपटाने में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने पर सराहा गया। वहीं, विभागों में ऊर्जा विभाग को शीर्ष स्थान मिला। उन्होंने 4 अफसरों भिंड के उपनिरीक्षक के.के. दुबे, मंडला के अभियंता वेंकटेश नेरकर, धार की चिकित्साधिकारी डॉ. नंदिता निगम और सतना के कमलेश शुक्ला को उत्कृष्ट काम के लिए बधाई दी।

कई जिलों के मामले निपटाए

  • बैठक में मुख्यमंत्री के सामने अलग-अलग जिलों की शिकायतें रखी गईं।
  • अनूपपुर जिले की सीता बैगा को आहार अनुदान की राशि न मिलने पर सचिव को निलंबित किया गया और सहायक आयुक्त की वेतन वृद्धि रोकी गई।
  • रीवा जिले के आशीष बहेलिया को लैपटॉप की राशि दिलवाई गई।
  • डिण्डोरी के उज्जवल साहू को पिछड़ा वर्ग छात्रवृत्ति का भुगतान कराया गया।
  • मंदसौर जिले के योगेश के मामले में प्रतिभा प्रोत्साहन योजना की राशि में देरी पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही हुई।
  • डिण्डोरी के ही अरुण यादव के 97,500 रुपये की सब्सिडी राशि तुरंत दिलवाई गई और बैंक कर्मचारियों पर कार्रवाई का आदेश दिया गया।

छात्रावासों की लापरवाही पर नाराज

धार की छात्रा शिवानी मौर्य की शिकायत पर कि छात्रावास में बिस्तर सामग्री नहीं दी गई, मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि छात्रावासों और शैक्षणिक परिसरों का कलेक्टर खुद निरीक्षण करें ताकि विद्यार्थियों को कोई परेशानी न हो। मैहर की संजना पटेल की समग्र आईडी गलत व्यक्ति से लिंक होने के मामले में चार कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोक दी गई और एक का वेतन काटा गया। जबलपुर की रामदेवी वर्मन को जननी सुरक्षा योजना की राशि तुरंत दिलाई गई। अशोकनगर के शिवप्रताप बुंदेला को भू-अर्जन का 17.25 लाख रुपये का मुआवजा भुगतान हुआ। शिवपुरी के सौरभ किरार को कृषि यंत्रीकरण योजना की राशि वापस कराई गई और तीन अधिकारियों की वेतनवृद्धि रोकी गई।

मुख्यमंत्री के मुख्य निर्देश

  • नागरिकों के कार्य में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
  • शैक्षणिक परिसरों में कलेक्टर खुद निरीक्षण करें।
  • दोषियों की जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई करें।
  • बैंक अधिकारी भी जनता के प्रति जवाबदेह हैं।
  • कार्यालयों में शिकायतें लंबित न रहें।
  • राशन दुकानों की स्थानांतरण प्रक्रिया में स्थानीय प्रतिनिधियों की राय अनिवार्य होगी।
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