MP श्रम विभाग ने प्रदेशभर के सभी सरकारी और निजी संस्थानों को महिलाओं के साथ समान व्यवहार करने और उन्हें बराबर वेतन देने के निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने “समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976” के पालन के लिए एक एडवाइजरी जारी कर सभी नियोक्ताओं को चेताया है कि कार्यस्थल पर किसी भी तरह का लैंगिक भेदभाव कानूनन अपराध है। विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि किसी भी संस्था, उद्योग, फैक्ट्री, दुकान या कार्यालय में पुरुष और महिला कर्मचारियों को समान कार्य के बदले समान वेतन दिया जाना अनिवार्य है।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह नियम सिर्फ वेतन तक सीमित नहीं है, बल्कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान भी इसका पालन जरूरी है। यानी किसी उम्मीदवार को सिर्फ उसके महिला या पुरुष होने के कारण नौकरी से वंचित नहीं किया जा सकता।
न हो भेदभाव
श्रम विभाग ने कहा है कि राज्य सरकार महिलाओं की कार्यस्थल पर सुरक्षा और समान अधिकारों के लिए पूरी तरह गंभीर है। इसलिए यदि किसी महिला कर्मचारी के साथ भेदभाव होता है चाहे वह वेतन, प्रमोशन या भर्ती के दौरान हो तो वह सीधे शिकायत दर्ज करा सकती है। इसके लिए श्रम विभाग ने कई माध्यम उपलब्ध कराए हैं।
पीड़ित कर्मचारी या श्रमिक सीधे जिला श्रम कार्यालय, सीएम हेल्पलाइन पोर्टल, व्हाट्सएप नंबर 0755-2555582, या टोल फ्री नंबर 1800-233-8888 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी जांच कर कार्रवाई करेंगे।
एडवाइजरी जारी
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह एडवाइजरी खासकर उन संस्थानों को ध्यान में रखकर जारी की गई है, जहां महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। सरकार चाहती है कि महिला श्रमिकों को बराबरी का सम्मान और अवसर मिले। श्रम विभाग ने नियोक्ताओं को यह भी चेतावनी दी है कि यदि किसी संस्था में समान पारिश्रमिक अधिनियम का उल्लंघन पाया गया, तो संबंधित संस्था या व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का कहना है कि प्रदेश में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने और कार्यस्थलों पर सुरक्षित माहौल बनाने के लिए ऐसे कदम जरूरी हैं, ताकि हर महिला आत्मसम्मान के साथ काम कर सके और समान अधिकार पा सके।
