रायसेन जिले में बरेली-पिपरिया स्टेट हाईवे पर बने पुल के ध्वस्त होने के मामले में मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) ने लगातार दूसरे दिन बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार को निगम ने प्रभारी सहायक प्रबंधक विक्रम सिंह ठाकुर को निलंबित कर दिया। यह कदम निगम द्वारा गठित जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट मिलने के बाद उठाया गया। यह हादसा 1 दिसंबर को उस समय हुआ जब अचानक पुल का एक बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे गिर गया। इस दुर्घटना में बाइक सवार देवेंद्र सिंह धाकड़ (35) की मौत हो गई। वह अपनी बहन की विदाई कर घर लौट रहे थे। घटना में तीन अन्य लोग भी घायल हुए थे। हादसा इतना अचानक हुआ कि लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
हादसे के दिन ही MPRDC के प्रबंध निदेशक भरत यादव ने एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाई थी। मुख्य अभियंता की अध्यक्षता वाली इस तीन सदस्यीय टीम को तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया था। समिति का काम था, पुल की तकनीकी स्थिति, रखरखाव, मरम्मत की गुणवत्ता और सुरक्षा उपायों की जांच करना।
प्रारंभिक रिपोर्ट में गंभीर लापरवाही उजागर
बुधवार को सौंपी गई प्रारंभिक रिपोर्ट में समिति ने प्रथम दृष्ट्या गंभीर अनियमितताओं की ओर संकेत किया। रिपोर्ट के मुताबिक पुल के नियमित संधारण में भारी लापरवाही बरती गई। मरम्मत कार्य के दौरान न तो सुरक्षा मानकों का पालन किया गया और न ही यातायात के लिए उचित डायवर्जन या सेफ्टी एरेंजमेंट किए गए थे। इन कमियों को दुर्घटना का मुख्य कारण बताया गया।
रिपोर्ट के बाद निलंबन
रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद निगम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रभारी सहायक महाप्रबंधक विक्रम सिंह ठाकुर को निलंबित कर दिया। MPRDC अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर और भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है। साथ ही, पुलों की सुरक्षा मानकों की राज्यव्यापी समीक्षा की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
