MP विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन-2025) के दौरान लापरवाही बरतने वाले चार बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) पर कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई की है। भोपाल कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सोमवार को इन चारों बीएलओ को निलंबित कर दिया। यह कदम गोविंदपुरा एसडीएम रवीश कुमार श्रीवास्तव की सिफारिश पर उठाया गया है।
मतदाता सूची अपडेट की प्रक्रिया में गड़बड़ियों और लापरवाही की शिकायतें सामने आने के बाद एसडीएम श्रीवास्तव ने 77 बीएलओ और चार सुपरवाइजरों को नोटिस जारी किए थे। इनमें से कई बीएलओ ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। ऐसे चार बीएलओ शेरसिंह सिकरवार, विवेकानंद मुखर्जी, शंभू सिंह रघुवंशी और रोशनी प्रजापति को निलंबित कर दिया गया है। कार्रवाई मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के तहत की गई है।
नए तरीके से हो रहा पुनरीक्षण
इस बार विशेष गहन पुनरीक्षण के अंतर्गत मतदाता सूची का अपडेशन नए फॉर्मेट में किया जा रहा है। इसमें 2003 की मतदाता सूची से 2025 की सूची का मिलान किया जा रहा है। जो मतदाता 2003 की सूची में दर्ज थे, उन्हें और उनके परिवार को स्वत: 2025 की सूची में शामिल कर लिया जाएगा। बाकी मतदाताओं का भौतिक सत्यापन बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर किया जाना है। इसी काम में लापरवाही करने पर बीएलओ को नोटिस थमाए गए और अब चार को निलंबित कर दिया गया है।
कलेक्टर ने दी सख्त चेतावनी
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सभी बीएलओ और सुपरवाइजरों को चेतावनी दी है कि निर्वाचन कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि अब से यदि किसी भी बीएलओ की लापरवाही सामने आई तो कठोर कार्रवाई होगी।
इन पर भी लटकी तलवार
एसडीएम श्रीवास्तव ने जिन 77 बीएलओ और चार सुपरवाइजरों को नोटिस दिए थे, उनमें कई नाम सामने आए हैं, जिनमें अरविंद कुमार पाठक, राकेश कुमार साहू, आरती शास्त्री, विनोद जोशी, सुमन पंवार, ज्योति नामदेव, हरगोविंद लोधी, हेमलता शाक्य और अन्य शामिल हैं। यदि इनमें से भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं देता, तो उन पर भी कार्रवाई की संभावना है।
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के लिए इस बार डोर-टू-डोर सर्वे का निर्देश दिया है। प्रत्येक मतदाता को पहचान संबंधी दस्तावेज दिखाने होंगे, तभी उनका नाम सूची में जोड़ा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया समय पर और ईमानदारी से पूरी करना आवश्यक है, ताकि चुनाव में कोई गड़बड़ी न हो। भोपाल में शुरू हुई इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि अब निर्वाचन कार्य में ढिलाई पर तत्काल अनुशासनात्मक कदम उठाए जाएंगे।