राजधानी भोपाल को नए साल की शुरुआत में एक अहम रेल सुविधा मिलने जा रही है। रेलवे ने पुष्टि कर दी है कि लंबे समय से तैयार पड़ा निशातपुरा स्टेशन जनवरी 2026 से यात्री सेवाओं के लिए खोल दिया जाएगा। शुरुआत में जबलपुर–सोमनाथ एक्सप्रेस और मालवा एक्सप्रेस यहां ठहरेंगी, जिससे मुख्य स्टेशन, रानी कमलापति और संत हिरदाराम नगर स्टेशनों पर बढ़ता दबाव कम होगा।
निशातपुरा स्टेशन शुरू होने से भोपाल के उत्तरी और मध्य हिस्सों के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। करोंद, लालघाटी, गांधी नगर, आनंद नगर, अयोध्या नगर और आसपास के अनेक इलाकों के लोगों को अब मुख्य स्टेशन तक लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। स्टेशन परिसर में पार्किंग, टिकटिंग, सुरक्षा और यात्री सुविधाओं का काम अंतिम चरण में है।
कई बड़ी ट्रेनों को हॉल्ट देने पर विचार
रेलवे अधिकारियों के अनुसार आगे और कई प्रमुख ट्रेनों को यहां रुकवाने पर मंथन जारी है। इनमें जयपुर-चेन्नई एक्सप्रेस, अजमेर-हैदराबाद एक्सप्रेस, इंदौर-हावड़ा, इंदौर-राजेंद्र नगर, विंध्याचल, राज्यरानी, भोपाल-बीना मेमू, बिलासपुर एक्सप्रेस और झांसी-इटारसी पैसेंजर जैसी ट्रेनें शामिल हैं। नए स्टेशन के चालू होने से भोपाल आउटर पर ट्रेनों के लंबे समय तक खड़े रहने की समस्या भी काफी कम होगी।
सीनियर DCM का बयान
भोपाल रेल मंडल के सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने बताया कि निशातपुरा स्टेशन के अधिकांश निर्माण कार्य पूरे किए जा चुके हैं और रेलवे द्वारा अंतिम टेस्टिंग चल रही है। उन्होंने कहा, “नए साल में स्टेशन चालू करने की तैयारी है। आवश्यक अनुमतियां मिलते ही स्टेशन को ऑपरेशन में लाया जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि मालवा एक्सप्रेस और जबलपुर-वरावल (सोमनाथ) एक्सप्रेस का हॉल्ट आधिकारिक रूप से नोटिफाई किया जा चुका है। कटारिया ने माना कि भोपाल स्टेशन परिचालन के लिहाज से अत्यधिक भीड़भाड़ वाला है और कई ट्रेनों के रिवर्सल में समय बर्बाद होता है। निशातपुरा शुरू होने से यह समस्या काफी हद तक खत्म होगी।
भोपाल में अब चौथा बड़ा स्टेशन
शहर में भोपाल जंक्शन, रानी कमलापति और संत हिरदाराम नगर तीन बड़े स्टेशन हैं। निशातपुरा को चौथे प्रमुख स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। साथ ही, संत हिरदाराम नगर स्टेशन का आधुनिकीकरण भी जारी है, जिसके बाद वहां भी ट्रेनों के स्टॉपेज बढ़ाए जाएंगे। निशातपुरा स्टेशन को एनएसजी-3 कैटेगरी में शामिल किया गया है। इसके मुताबिक, स्टेशन पर यात्री संख्या अधिक मानी गई है और इसके अनुरूप पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम सहित कई तकनीकी सुविधाओं को अपग्रेड किया जा रहा है। पहले यह स्टेशन ‘सी’ कैटेगरी में था, जिसे 2017 के बाद बदला गया।
इंजन रिवर्सल की झंझट खत्म
मालवा और ओवरनाइट एक्सप्रेस जैसी कई ट्रेनें ऐसी हैं, जिनका दिशा-परिवर्तन भोपाल में अनिवार्य रूप से करना पड़ता है। अगर इनका हॉल्ट निशातपुरा शिफ्ट किया जाता है तो इंजन की दिशा बदलने की जरूरत खत्म हो जाएगी। इससे 30 से 40 मिनट का समय सीधे बचेगा और ट्रेनों का संचालन अधिक सहज तथा समयबद्ध हो सकेगा।
