समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत के साथ ही रीवा जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। खरीदी के पहले हफ्ते में ही गुरुवार को कलेक्टर प्रतिभा पाल ने करहिया मंडी स्थित सेवा सहकारी समिति खैरी क्रमांक-1 पहुंचकर व्यवस्थाओं का अचानक निरीक्षण किया। खरीदी केंद्र में उनकी मौजूदगी से अधिकारियों में हलचल रही और पूरे प्रबंधन की बारीकी से जांच की गई।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने किसानों से सीधे संवाद किया। उन्होंने पूछा कि तुलाई, लाइन, बोरे उपलब्धता या अन्य किसी प्रक्रिया में उन्हें दिक्कतें तो नहीं आ रहीं। किसानों ने तुलाई की गति, स्टाफ की कमी और लंबा इंतज़ार जैसी बातों को सामने रखा। कलेक्टर ने वहीं मौजूद अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि धान बेचने आए वास्तविक किसानों को किसी भी स्तर पर परेशानी नहीं होनी चाहिए।
अवैध खरीदी पर कड़ा संदेश
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने निरीक्षण के दौरान साफ कहा कि प्रशासन का स्टैंड ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ का है। उन्होंने चेतावनी दी कि कोई भी बिचौलिया, कोचिया या बाहरी व्यक्ति यदि अवैध रूप से धान की खरीदी में शामिल पाया गया, तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने नोडल अधिकारियों को खरीदी केंद्रों की सतत निगरानी करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत जिला प्रशासन तक पहुंचाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने करहिया मण्डी के निरीक्षण के दौरान खाद वितरण केन्द्र का जायजा लिया और मौके पर उपस्थित किसानों से खाद वितरण की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। @CMMadhyaPradesh@DrMohanYadav51@minmpkrishi#JansamparkMP #रीवा #Rewa pic.twitter.com/lE2WCt5v5C
— Collector Rewa (@RewaCollector) December 4, 2025
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की जमीनी जांच
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने तुलाई मशीन, परिवहन व्यवस्था, स्टॉक पंजीयन और किसानों की एंट्री प्रक्रिया की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने यह भी कहा कि खरीदी प्रक्रिया के सभी चरण जांच, तुलाई और रसीद जारी करने में समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को लाइन में अनावश्यक समय न लगाना पड़े और प्रत्येक चरण की मॉनिटरिंग प्रतिदिन की जाए।
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि यह औचक निरीक्षण केवल शुरुआत है। जिले के अन्य खरीदी केंद्रों पर भी इसी तरह की सख्ती जारी रहेगी। उनका कहना था कि प्रशासन का लक्ष्य है कि पूरे खरीदी सीजन में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि या किसानों की शिकायत सामने न आए और प्रक्रिया पूरी तरह सुचारू व पारदर्शी बनी रहे।
