,

भोपाल बायपास पर टोल वसूली को लेकर राजनीति तेज, अक्टूबर में सड़क धंसने से उठे सवाल

Author Picture
Published On: 6 December 2025

भोपाल बायपास पर टोल वसूली को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। राज्य सरकार ने दिसंबर 2019 से अक्टूबर 2025 के बीच कुल 270.29 करोड़ रुपए का टोल टैक्स वसूला है। यह 52 किलोमीटर लंबा बायपास पहले निवेशक कंपनी ट्रॉन्सट्राय प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाया गया था। लेकिन वित्तीय अनियमितताओं के चलते सरकार ने कंपनी से टोल कलेक्शन का अधिकार वापस ले लिया था।

इस टोल रोड की हालत पहले ही सवालों में थी। अक्टूबर 2025 में बायपास का एक बड़ा हिस्सा धंस गया था, जिससे यह मुद्दा पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सड़क की मरम्मत और रखरखाव पर वर्षों तक ध्यान नहीं दिया गया, जबकि सरकार लगातार टोल वसूली करती रही।

कलेक्शन में गड़बड़ी

सत्र में उठाए गए सवालों के जवाब में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि कंपनी ने रोजाना की टोल आय को कम दिखाया और स्क्रू अकाउंट में रकम जमा नहीं की। जबकि प्रतिदिन औसत आय 10.5 लाख रुपए तक दर्ज की गई थी। गड़बड़ी सामने आने पर सरकार ने 11 दिसंबर 2019 को कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया और अगले दिन से खुद टोल वसूली शुरू कर दी।

विधानसभा में इस मुद्दे को कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने जोरदार तरीके से उठाया। उनका कहना है कि जब कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका था, तो सरकार किस नियम के तहत आगे टोल वसूलती रही? उन्होंने इसे इंडियन टोल एक्ट के खिलाफ अवैध वसूली बताया और तत्काल टोल बंद करने की मांग की।

6 साल टोल वसूला

ग्रेवाल का आरोप है कि सरकार ने छह साल तक करोड़ों रुपए जमा किए, लेकिन बायपास की मरम्मत पर कोई बड़ा काम नहीं किया। उनकी दलील है कि रखरखाव की अनदेखी का नतीजा सड़क धंसने की घटना के रूप में सामने आया, जो गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। सरकार का कहना है कि कंपनी द्वारा की गई आर्थिक गड़बड़ियों को रोकना जरूरी था, इसलिए सीधे टोल वसूली की जिम्मेदारी सरकार ने अपने हाथ में ली। अधिकारियों का तर्क है कि यह फैसला सार्वजनिक राजस्व की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था।

सरकार चुप

बायपास की स्थिति और टोल वसूली की वैधता को लेकर सरकार अब विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस ने टोल बंद करने की मांग की है, जबकि सरकार ने फिलहाल इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा विधानसभा में और गरमा सकता है।

Related News
Home
Web Stories
Instagram
WhatsApp