रीवा में रविवार को एक ऐसा मेडिकल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसे डॉक्टर भी याद रखेंगे। रायपुर ब्लॉक के एक परिवार के एक महीने के मासूम बेटे की जान बचाने के लिए रातों-रात पूरा सिस्टम एक साथ सक्रिय हो गया। बच्चे को गंभीर दिल की समस्या दिल में छेद थी और उसकी हालत तेजी से खराब होती जा रही थी। आखिर में उसे रीवा एयरपोर्ट से एयर एम्बुलेंस में बैठाकर मुंबई के SRCC चिल्ड्रन हॉस्पिटल भेजा गया।
बच्चे की तकलीफ जन्म के कुछ दिनों बाद ही शुरू हो गई थी। पहले उसे एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां निमोनिया बताकर इलाज किया गया, लेकिन तबीयत ठीक होने के बजाय और बिगड़ती गई। घबराए परिजन उसे बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शब्द सिंह के पास ले गए। जांच के बाद हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. के.डी. सिंह ने साफ बता दिया कि बच्चे के दिल में छेद है और अब हालत बेहद नाजुक हो चुकी है।
आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं
परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी, इसलिए वे बच्चे को लेकर कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल पहुंचे। सिविल सर्जन डॉ. प्रतिभा मिश्रा ने तुरंत बच्चे को भर्ती करवाया और मामला RBSK टीम तक पहुंचाया। वहां से पूरी प्रक्रिया फटाफट शुरू कर दी गई। टीम ने मुंबई में बच्चों की सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. प्रिया प्रधान से संपर्क किया और उन्होंने तुरंत बच्चे को लाने के लिए हां भी दे दी।
तैयारी शुरू
इधर उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के निर्देश के बाद रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल, CMHO और SGMH अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा की टीम ने रात में ही एयर एम्बुलेंस की तैयारी शुरू कर दी। क्योंकि बच्चे का ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा था और किसी भी तरह की देरी उसकी जान पर भारी पड़ सकती थी। इसलिए तय हुआ कि सड़क से नहीं, सीधे हवाई रास्ते से ही उसे मुंबई भेजा जाएगा।
एयरपोर्ट से एयरलिफ्ट
रविवार सुबह करीब 9 बजे मासूम को रीवा एयरपोर्ट से एयरलिफ्ट किया गया। मुंबई पहुंचते ही उसे SRCC हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां डॉक्टरों ने तुरंत इलाज शुरू कर दिया। सबसे राहत की बात यह है कि बच्चे की सर्जरी आयुष्मान भारत योजना के तहत बिल्कुल मुफ्त कराई जाएगी। डॉक्टरों का कहना है कि समय पर इलाज मिलने की वजह से उसके ठीक होने की संभावना काफी अच्छी है। यह पूरा मामला दिखाता है कि सही समय पर लिया गया फैसला किसी की जिंदगी बचा सकता है।
