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श्योपुर में बारिश से बर्बाद हुई फसलें, शिवराज बोले- “किसानों का दर्द मेरा अपना है, कोई कसर नहीं छोड़ूंगा”

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Published On: 2 November 2025

पिछले हफ्ते हुई बेमौसम बारिश ने मध्यप्रदेश के कई जिलों में किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। खासकर चंबल और ग्वालियर क्षेत्र के खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। श्योपुर जिले में तो हाल यह रहा कि धान की तैयार फसलें पानी के तेज बहाव में बह गईं। इस पर अब किसानों की आवाज भोपाल तक पहुंच गई है। श्योपुर के किसान प्रतिनिधियों का एक दल भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाट के नेतृत्व में भोपाल पहुंचा और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। किसानों ने बताया कि बारिश ने फसलें ही नहीं, उम्मीदें भी उजाड़ दी हैं। इस पर शिवराज ने किसानों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया।

शिवराज बोले

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो संदेश के जरिए किसानों से सीधे बात की। उन्होंने कहा, “असमय बारिश से आपकी फसलें खराब हुई हैं, यह देखकर मेरा भी मन व्यथित है। मैं खुद एक किसान परिवार से हूं, इसलिए आपकी तकलीफ समझ सकता हूं। राज्य सरकार जल्द सर्वे करवाकर राहत का इंतजाम करेगी। शिवराज ने कहा कि जिन किसानों ने फसल बीमा करवाया है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट के बाद नुकसान का आंकलन जैसे ही दिल्ली पहुंचेगा, मैं खुद बीमा कंपनियों को बुलाऊंगा और किसानों को पूरा मुआवजा दिलवाऊंगा। आपकी तकलीफ कम हो, इसके लिए मैं कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।”

सुरेंद्र सिंह का कांग्रेस पर निशाना

इस दौरान सुरेंद्र सिंह जाट ने कांग्रेस विधायक पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसानों की मदद करने की बजाय कांग्रेस के नेता केवल दिखावे में लगे हैं। मजदूरों के लिए पूड़ियां तलने वाले वीडियो बनवाकर प्रचार करना किसानों की तकलीफ का मजाक उड़ाने जैसा है। जिले के कई गांवों सोई, घटारी, बड़ौदा और कराहल में बारिश का पानी खेतों में भर गया। धान, बाजरा और मूंग की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। किसानों का कहना है कि उन्होंने सालभर की कमाई इसी फसल पर टिकी थी। अब उनके सामने अगले सीजन की बुआई का संकट खड़ा हो गया है।

सरकार से उम्मीदें बढ़ीं

शिवराज के बयान के बाद किसानों में उम्मीद जगी है कि इस बार बीमा राशि जल्दी मिलेगी। वहीं प्रशासन ने भी सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगले कुछ दिनों में नुकसान की रिपोर्ट भोपाल भेजी जाएगी। किसानों का कहना है कि अगर सरकार वाकई मदद करती है तो हजारों परिवारों की जिंदगी फिर पटरी पर लौट सकती है।

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