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MP में किसानों के लिए राहत की बड़ी खबर, भावांतर भुगतान योजना पर भुगतान करेगी राज्य सरकार

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Published On: 24 October 2025

किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि भावांतर भुगतान योजना के तहत MP में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा। यह योजना भारत सरकार की प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत संचालित हो रही है। कृषि मंत्री ने बताया कि किसान अपनी खरीफ 2025 की सोयाबीन उपज मंडियों में नीलामी प्रक्रिया के जरिए बेचेंगे। नीलामी दर और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बीच के अंतर की राशि  यानी भावांतर राज्य सरकार द्वारा भुगतान की जाएगी।

मंडी में तुरंत भुगतान

कंषाना ने स्पष्ट किया कि जैसे ही किसान अपनी सोयाबीन मंडी में बेचते हैं, व्यापारी द्वारा उसी दिन किसान को भुगतान किया जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा भावांतर राशि का भुगतान किया जाएगा। इस प्रक्रिया में समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए मंडी बोर्ड अस्थाई रूप से ऋण की व्यवस्था करेगा। इस ऋण का भुगतान बाद में भारत सरकार और मध्यप्रदेश शासन तय समय में कर देगा। इस योजना के तहत मंडी बोर्ड पर कोई अतिरिक्त व्यय या बोझ नहीं आएगा।

किसानों की जेब होगी सुरक्षित

किसानों के लिए यह योजना एक बड़ा राहत पैकेज है। अब उन्हें अपने उपज के सही मूल्य की चिंता नहीं होगी। मंत्री कंषाना ने कहा कि मंडी बोर्ड को ऋण लेने से इनकार नहीं किया गया है, बल्कि यह व्यवस्था किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए की गई है। इस योजना के लागू होने से किसानों की आय में स्थिरता आएगी और वे अपनी फसल के सही मूल्य का लाभ सीधे उठा सकेंगे।

भावांतर भुगतान योजना की अहमियत

भावांतर भुगतान योजना किसानों की आर्थिक सुरक्षा के लिए बनाई गई है। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य के बीच का अंतर सरकार भरती है। यह योजना खासतौर पर सोयाबीन की खरीफ फसल के लिए है। किसानों को जल्द ही उनके खाते में यह राशि मिलना शुरू हो जाएगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

कृषि मंत्री का संदेश

मंत्री कंषाना ने किसानों से अपील की है कि वे अपने मंडी नीलामी के दौरान दस्तावेज सही रखें और योजना का लाभ सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित में पूरी तरह प्रतिबद्ध है और समय पर भुगतान कर किसानों की आय सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। इस योजना से मध्यप्रदेश के सोयाबीन किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य मिलेगा और उनका भरोसा राज्य सरकार पर और मजबूत होगा।

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