MP सरकार की भावांतर भुगतान योजना के तहत सोयाबीन बेचने वाले किसानों के लिए सोमवार को बड़ी राहत की खबर आई है। आज यानी 10 नवंबर को सरकार ने 4036 रुपए प्रति क्विंटल का नया मॉडल रेट घोषित किया है। यह दर उन किसानों के लिए तय की गई है जिन्होंने अपनी उपज को मंडियों में विक्रय किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सरकार किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत यह मॉडल रेट तय कर दिया गया है, और इसी के आधार पर किसानों को भावांतर की राशि का भुगतान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य सरकार किसानों की मेहनत का पूरा मूल्य सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। मंडियों में पारदर्शिता और समय पर भुगतान हमारी प्राथमिकता है।”
दो दिन में लगातार बढ़ा भाव
- भावांतर योजना के तहत जारी किए गए मॉडल रेट में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
- 7 नवंबर को मॉडल रेट 4020 रुपए प्रति क्विंटल था।
- 8 नवंबर को यह बढ़कर 4033 रुपए हुआ।
- अब 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपए प्रति क्विंटल का रेट जारी हुआ है।
- इससे साफ है कि बाजार में सोयाबीन की मांग में हल्की बढ़त के साथ किसानों को अब ज्यादा फायदा मिलेगा।
किसानों में उत्साह
मॉडल रेट में हुई वृद्धि की जानकारी मिलते ही प्रदेश की कई मंडियों में किसानों के चेहरों पर संतोष दिखा। रीवा, विदिशा, नरसिंहपुर, होशंगाबाद और उज्जैन की मंडियों में सोमवार को अच्छी खासी आवक दर्ज की गई। किसानों का कहना है कि सरकार का यह कदम खरीफ सीजन में राहत देने वाला साबित होगा।
क्या है भावांतर योजना?
मध्यप्रदेश सरकार की भावांतर भुगतान योजना किसानों को फसलों के बाज़ार भाव और घोषित समर्थन मूल्य के बीच की अंतर राशि (भावांतर) का भुगतान करती है। इससे किसानों को बाजार में भाव गिरने से नुकसान नहीं उठाना पड़ता। राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में अन्य प्रमुख खरीफ फसलों जैसे मक्का और उड़द के मॉडल रेट भी क्रमशः घोषित किए जाएंगे।
सरकार की इस पहल से साफ है कि खरीफ सीजन में किसानों की आमदनी बढ़ाने और बाजार स्थिर करने की दिशा में भावांतर योजना एक बार फिर कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित हो रही है।
