मध्यप्रदेश के सोयाबीन किसानों के लिए सोमवार का दिन राहत भरा साबित हुआ। राज्य सरकार ने भावांतर भुगतान योजना 2025 के तहत आज 4056 रुपए प्रति क्विंटल का नया मॉडल रेट जारी किया है। यानी अब किसानों को अपनी उपज का बेहतर दाम मिलेगा। कृषि विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह मॉडल रेट उन किसानों के लिए लागू होगा जिन्होंने अपनी सोयाबीन की बिक्री मंडी प्रांगणों में की है। इसी दर को आधार मानकर किसानों को मिलने वाली भावांतर राशि की गणना की जाएगी।
गौरतलब है कि 7 नवंबर को इस योजना का पहला मॉडल रेट 4020 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था। अब 36 रुपए की बढ़ोतरी के साथ यह रेट 4056 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में सोयाबीन की आवक और मांग के बीच संतुलन बनने से यह वृद्धि दर्ज की गई है।
चेहरों पर संतोष
राज्य सरकार की यह योजना किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और मंडी में बिकने वाली वास्तविक कीमत के बीच के अंतर को पूरा करने के लिए शुरू की गई थी। भावांतर की राशि सीधे किसानों के खातों में जमा की जाती है, जिससे उन्हें अपनी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके। मंडी प्रांगणों में इस घोषणा के बाद किसानों के चेहरों पर संतोष साफ नजर आया। रीवा, सीहोर, विदिशा और होशंगाबाद के कई किसानों ने बताया कि बढ़े हुए मॉडल रेट से अब उम्मीद जगी है कि भावांतर भुगतान भी जल्द मिलेगा।
रेट की समीक्षा रहेगी जारी
इधर, कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में रेट की समीक्षा जारी रहेगी। बाजार की स्थितियों के आधार पर मॉडल रेट में और भी संशोधन संभव है। राज्य सरकार का दावा है कि इस बार भावांतर योजना को पूरी पारदर्शिता से लागू किया जा रहा है। किसानों की बिक्री का रिकॉर्ड ई-उपार्जन पोर्टल और मंडी बोर्ड के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज किया जा रहा है, जिससे भुगतान में किसी तरह की गड़बड़ी न हो।
सोयाबीन उत्पादन में अग्रणी मध्यप्रदेश के लिए यह घोषणा बेहद अहम मानी जा रही है। बढ़ते मॉडल रेट ने किसानों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं और यही उम्मीद अब आने वाली फसल पर भी असर डाल सकती है।
