अशोकनगर जिले में सोमवार को उस वक्त हालात बिगड़ गए जब पुरानी कृषि उपज मंडी में खाद के टोकन लेने के लिए लगी लंबी लाइन में एक किसान अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा। सुबह से लाइन में लगे किसानों को जब यह खबर मिली, तो माहौल गर्मा गया। देखते ही देखते गुस्साए किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया और कृषि कार्यालय के बाहर अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, किसान सुबह से धूप में खड़े थे। जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई, धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। इसी दौरान एक किसान चक्कर खाकर गिर पड़ा। साथी किसानों ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया। लेकिन इसके बाद किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कार्यालय के गेट और खिड़कियों पर पत्थर फेंके, लातें मारीं और जमकर नारेबाजी की।
हंगामे के बीच अफरा-तफरी इतनी बढ़ गई कि एक और किसान बेहोश हो गया। उसे भी मौके से अस्पताल भेजा गया। इस दौरान कुछ लोगों ने टोकन का बंडल छीनने की कोशिश भी की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। मंडी परिसर में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर संभाले हालात
हंगामे की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी रवि प्रताप चौहान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उनके साथ तहसीलदार भारतेंदु यादव, नायब तहसीलदार शंभू मीना और कृषि उपसंचालक अमित सिंह भदौरिया भी पहुंचे। अधिकारियों ने गुस्साए किसानों को समझाया और किसी तरह हालात को काबू में किया। अधिकारियों ने किसानों से बातचीत की और भरोसा दिलाया कि हर किसान को डीएपी खाद मिलेगी, किसी को वंचित नहीं रखा जाएगा। समझाइश के बाद धीरे-धीरे माहौल शांत हुआ और किसानों को दोबारा लाइन में लगाकर टोकन बांटने का काम शुरू किया गया।
फिर से शुरू हुआ टोकन वितरण
प्रशासन ने हंगामे के बाद एहतियातन व्यवस्था में बदलाव किया। अब पार्क के दोनों गेट से टोकन वितरण की व्यवस्था की गई, ताकि भीड़ एक जगह न जुटे। किसानों को 24 नवंबर तक डीएपी खाद लेने के लिए टोकन जारी किए जाएंगे। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी सामने आया है, जिसमें किसान नारे लगाते और गेट पर पत्थर फेंकते नजर आ रहे हैं। हालांकि पुलिस ने किसी तरह की गिरफ्तारी या कार्रवाई की पुष्टि नहीं की है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल प्राथमिकता किसानों को खाद उपलब्ध कराना है, ताकि स्थिति फिर से न बिगड़े।
धूप और अव्यवस्था से नाराज किसान
स्थानीय किसानों का कहना है कि सुबह से वे धूप में खड़े थे, लेकिन वितरण की व्यवस्था ठीक नहीं होने से भीड़ बढ़ गई। घंटों खड़े रहने के बाद भी टोकन नहीं मिला, ऊपर से धक्का-मुक्की हो रही थी। कई किसानों ने कहा कि इस बार खाद की कमी के चलते पहले से ही परेशानी थी, और ऐसे हालात ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हालांकि प्रशासन ने दावा किया है कि अब व्यवस्था ठीक कर दी गई है और किसी को खाद के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। लेकिन सोमवार की यह घटना किसानों की नाराजगी और अव्यवस्था की एक तस्वीर बनकर पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई।
