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सतना: ग्रामीण विकास के सब इंजीनियरों की हड़ताल, सक्रिय सदस्य ने की CM से की हस्तक्षेप की मांग

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Published On: 18 October 2025

सतना पंचायत राज विभाग में पिछले 5 महीनों से सब इंजीनियरों की हड़ताल के कारण ग्रामीण विकास के काम ठप्प पड़े हुए हैं। इस स्थिति को लेकर सतना जिले के एक सक्रिय पार्टी सदस्य ने मुख्यमंत्री से सीधे हस्तक्षेप करने की अपील की है।

राजनीति में लंबे समय से सक्रिय रहे इस नेता ने बताया कि उनकी राजनीति की शुरुआत ग्राम पंचायत के सरपंच के पद से हुई। इसके बाद वे जनपद अध्यक्ष, सहकारिता विभाग के विपणन संघ अध्यक्ष और कृषि उपज मंडी नागौद के अध्यक्ष रहे। इसके बाद विधायक बनने तक उन्होंने जनता की सेवा में लगातार योगदान दिया। उन्होंने कहा कि उनके पास अनुभव कम हो सकता है, लेकिन जनता की सेवा में पचास वर्षों का सक्रिय अनुभव है।

दिया याद

पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि वे 2013 में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। उस समय वे सत्ता पक्ष में थे और लेखक विपक्ष में। अब लेखक स्वयं मुख्यमंत्री की पार्टी में शामिल होकर सतना जिले का सक्रिय सदस्य बन चुके हैं। इस नाते उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री से अपील की है कि पंचायत राज विभाग में रुके हुए विकास कार्यों को फिर से शुरू कराया जाए।

पत्र में कहा गया है कि पहले सरपंचों ने अपनी मांगे लेकर आंदोलन किया था, लेकिन उनकी मांगे नहीं मानी गईं। अब स्थिति और गंभीर हो गई है क्योंकि सब इंजीनियरों की हड़ताल के कारण पंचायतों के सभी विकास कार्य ठप हैं। यह हड़ताल पिछले पांच महीनों से चल रही है और इसका असर ग्रामीण विकास पर साफ दिख रहा है।

CM से निवेदन

लेखक ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि दीपावली के पावन अवसर पर इस मामले को गंभीरता से देखें। उन्होंने सुझाव दिया कि या तो मांगों पर विचार किया जाए, या कोई समिति बनाकर सब इंजीनियरों को न्याय दिलाया जाए। उनका मानना है कि यदि यह कदम नहीं उठाया गया तो पंचायतों के विकास कार्य और अधिक प्रभावित होंगे और ग्रामीण जनता को सीधा नुकसान होगा।

पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह अपील केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि सतना जिले के ग्रामीण विकास के लिए जरूरी है। लेखक ने कहा कि मुख्यमंत्री से यह अनुरोध उनके साथी होने और पार्टी के सक्रिय सदस्य होने के नाते किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही कोई ठोस कदम उठाकर सब इंजीनियरों की हड़ताल खत्म कराई जाएगी और पंचायतों के विकास कार्य फिर से शुरू होंगे।

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