केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को अपने 3 दिवसीय गुना दौरे में एक नई राजनीतिक व्यवस्था लागू कर दी। अब से सिंधिया की गाड़ी में जिलाध्यक्ष के साथ उस इलाके के मंडल अध्यक्ष और एक सामान्य भाजपा कार्यकर्ता भी साथ बैठेंगे। यह फैसला शनिवार सुबह एक निजी होटल में हुई कार्यकर्ताओं की बैठक में लिया गया। सिंधिया ने साफ कहा कि उनकी गाड़ी में तीन लोग जरूर बैठेंगे। जिनमें जिलाध्यक्ष, संबंधित मंडल का अध्यक्ष और एक सामान्य कार्यकर्ता शामिल है। कौन-सा आम कार्यकर्ता गाड़ी में बैठेगा, इसे तय करने के लिए उन्होंने एक पदाधिकारी को प्रभारी भी बना दिया है।
कार्यकर्ता बोले
बैठक में एक बड़ा मुद्दा उठा, “साहब, आप कई कार्यकर्ताओं को पहचानते नहीं।” सिंधिया ने भी बिना घुमाए जवाब दिया कि पहचान तब ही होगी जब आप मिलेंगे। संपर्क नहीं होगा तो पहचान कैसे बनेगी? मैं कार्यकर्ताओं के साथ उम्रभर का रिश्ता चाहता हूं। हरिचरण वर्मा, मनोज दुबे, आलोक विजयवर्गीय और चिरौंजी लाल प्रजापति ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की व्यवस्था को लेकर अपनी शिकायतें सिंधिया के सामने रखीं। सिंधिया ने सबकी बात ध्यान से सुनी।
खाद की लाइन में जान गंवाने वाली महिला के घर पहुंचे। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री कुशेपुर गांव पहुंचे। खाद की लाइन में मौत हुई आदिवासी महिला भुरियाबाई के परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दी।
सोशल मीडिया पर लिखा
कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद सिंधिया ने सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट लिखा। उन्होंने कहा कि गुना में भाजपा परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से आत्मीय चर्चा हुई। इन साथियों ने वर्षों से बिना अपेक्षा के जो सेवा की है, वही संगठन की जीवनधारा है। उन्होंने आगे लिखा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के मार्गदर्शन में संगठन के विस्तार, बूथ मजबूती और जनसेवा पर काम करेंगे। आप सब मेरे अपने हैं, आपका परिश्रम ही हमारी शक्ति है। हम गुना और प्रदेश को नई ऊंचाई देंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को मिलकर पूरा करेंगे।
