MP में मेडिकल कॉलेजों की NEET-UG काउंसलिंग की प्रक्रिया लगातार उलझती जा रही है। पहला चरण जैसे-तैसे पूरा हुआ, लेकिन अब दूसरे राउंड की शुरुआत से पहले ही कई गड़बड़ियों और नई सीटों के जुड़ने की वजह से मामला अटक गया है। छात्रों को अब नए शेड्यूल का इंतजार करना पड़ेगा।
फर्जीवाड़े का बड़ा खेल
काउंसलिंग रोकने के पीछे तीन अहम कारण सामने आए हैं। सबसे बड़ा मामला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटे में फर्जी सर्टिफिकेट का है। इस कोटे में प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में 66 सीटें रखी गई हैं। पहले राउंड में 36 आवेदन आए, लेकिन जांच में कई सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए। रतलाम, भोपाल, रीवा, इंदौर और विदिशा समेत कई जिलों से अब तक 22 संदेहास्पद दस्तावेज सामने आ चुके हैं। शुरुआती जांच में 5 सर्टिफिकेट फर्जी साबित भी हो चुके हैं।
NRI कोटे की जांच भी जारी
दूसरी बड़ी वजह एनआरआई (NRI) दस्तावेजों की गहन जांच है। मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) ने साफ किया है कि जब तक एनआरआई कोटे से जुड़े दस्तावेजों की पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती।
नई सीटों से छात्रों में उम्मीद
तीसरा कारण छात्रों के लिए राहत भरा है। इस बार दूसरे राउंड में 475 नई सीटें जुड़ी हैं। इनमें श्योपुर और सिंगरौली के नए सरकारी कॉलेजों की 100-100 सीटें, छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज की 50 और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर की 25 सीटें शामिल हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की 200 सीटें भी बहाल हो गईं। यानी दूसरे राउंड में छात्रों को करीब 904 सीटों पर एडमिशन का मौका मिलेगा।
MCC और DGHS का नोटिस
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DGHS) ने साफ किया है कि नई मान्यता प्राप्त सीटों को शामिल करने और एनआरआई दस्तावेजों की जांच पूरी होने तक काउंसलिंग का दूसरा राउंड आगे नहीं बढ़ेगा। MCC ने 9 सितंबर को नोटिस जारी कर बताया कि संशोधित शेड्यूल जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट पर जारी होगा।
छात्रों की चिंता
जहां एक तरफ सीटें बढ़ने से छात्रों को नई उम्मीद मिली है, वहीं बार-बार टल रही काउंसलिंग ने उनकी चिंता भी बढ़ा दी है। हजारों छात्र रिजल्ट और प्रक्रिया के अपडेट पर नजर गड़ाए बैठे हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि MCC कब नया टाइमटेबल जारी करता है।
