मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में 2.96 करोड़ की हवाला राशि लूट के प्रकरण में प्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में कानून सभी के लिए समान है और कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिसकर्मियों पर FIR
सिवनी हवाला लूट मामले में एसडीओपी पूजा पांडे समेत 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इनमें से 5 पुलिसकर्मी को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए गए अधिकारियों और कर्मचारियों में एसडीओपी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम, कॉन्स्टेबल योगेंद्र, नीरज और जगदीश शामिल हैं।
बाकी के 6 पुलिसकर्मियों में प्रधान आरक्षक माखन, प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला, प्रधान आरक्षक रविंद्र उईके, आरक्षक रितेश वर्मा, एसएएफ आरक्षक केदार और एसएएफ आरक्षक सुभाष सदाफल शामिल हैं।
आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने अपनी जिम्मेदारी से हटकर कार्य किया और कारोबारी को धमकाकर 1.51 करोड़ की राशि गायब कर दी। FIR में आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 310(2) डकैती, 126(2) गलत तरीके से रोकना, 140(3) अपहरण और 61(2) आपराधिक षड्यंत्र के तहत मामला दर्ज किया गया है।
CM का सख्त रुख
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य में कानून और सुशासन सर्वोपरि हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सिवनी हवाला लूट प्रकरण में दोषियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कानून सबके लिए समान है और किसी को भी इस मामले में बख्शा नहीं जाएगा।
सिवनी प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। कानून का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर होने जा रही कार्रवाई मिसाल बनेगी।
अपराध मुक्त मध्यप्रदेश और नागरिकों की सुरक्षा हमारा संकल्प है। pic.twitter.com/urL7XCl9ze
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 14, 2025
जानें मामला
यह घटना 8-9 अक्टूबर की देर रात की है, जब सिवनी के शीलादेही बाईपास पर बंडोल थाना क्षेत्र में कटनी से महाराष्ट्र के जालना जा रहे कारोबारी सोहनलाल परमार और उनके साथी अपनी क्रेटा कार में 2.96 करोड़ की हवाला राशि ले जा रहे थे।
सूचना के आधार पर एसडीओपी पूजा पांडे की टीम ने वाहन को रोका और कारोबारियों को हिरासत में लिया। आरोप है कि पुलिस ने कारोबारी के साथ मारपीट और धमकाया। आधिकारिक तौर पर केवल 1.45 करोड़ की बरामदगी दर्ज की गई, जबकि शेष 1.51 करोड़ का कोई हिसाब नहीं आया। अगले दिन 9 अक्टूबर को कारोबारी सोहनलाल परमार ने सिवनी कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई, जिससे मामला उजागर हुआ।
