बहोरीबंद की ऐतिहासिक भूमि गुरुवार को जीतू पटवारी के लिए एक खास मौके की गवाह बनी। यहां महारानी अवंती बाई लोधी जयंती और राजा शंकर शाह व कुंवर रघुनाथ शाह बलिदान दिवस पर सामाजिक न्याय एवं भाईचारा सम्मेलन के साथ किसान खेत न्याय यात्रा का भव्य आयोजन हुआ। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पहुंचे और शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहीदों से मिली प्रेरणा
सम्मेलन में जीतू पटवारी ने कहा कि महारानी अवंती बाई, राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष कर बलिदान दिया। उनका साहस और त्याग आज भी हमें अन्याय और शोषण के खिलाफ खड़े होने की ताकत देता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि किसानों, मजदूरों और कमजोर वर्गों के हक के लिए लगातार आवाज उठाना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मोहन यादव जी, आपकी सरकार में किसान सिर्फ खेतों में नहीं, नियमों की दलदल में भी रोज़ जूझ रहा है।
1️⃣ 5 बोरी खाद का आदेश दिया, तो किसानों को सिर्फ 1 बोरी क्यों मिल रही है?
2️⃣ किसानों को खाद से वंचित कर उनकी फसल और भविष्य क्यों बर्बाद कर रहे हैं?
3️⃣ जब किसान लाइन में है, तब व्यापारी… pic.twitter.com/HXA9m9l5vN— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) September 18, 2025
किसानों के मुद्दा
किसान खेत न्याय यात्रा के दौरान हजारों किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। कटनी और उमरिया में पटवारी का जोरदार स्वागत हुआ। अपने भाषण में उन्होंने भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा,
- किसानों से वादा था कि 5 बोरी खाद मिलेगी, लेकिन हकीकत में मुश्किल से 1 बोरी मिल रही है।
- खाद वितरण में धांधली और कालाबाजारी खुलेआम हो रही है। ट्रकों से माल बाहर जा रहा है और किसान घंटों लाइन में खड़े रहकर परेशान हो रहे हैं।
- यह सब सरकार की नाक के नीचे हो रहा है। संरक्षण के बिना इतना बड़ा खेल संभव ही नहीं।
- पटवारी ने सवाल किया कि जब किसान बदहाल है तो मुख्यमंत्री और मंत्री किस मुंह से विकास की बातें कर रहे हैं?
सामाजिक न्याय
सम्मेलन में पटवारी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि कांग्रेस का हर सिपाही गांव-गांव और खेत-खेत जाकर किसानों की समस्याएं जनता तक पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का सच उजागर करना ही हमारा कर्तव्य है।
इस मौके पर स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं और बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। सबने मिलकर शहीदों के बलिदान को याद किया और सामाजिक एकता व किसान हितों की रक्षा का संकल्प लिया।
