देशभर में हर नागरिक का स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) योजना का हाल भोपाल और रायसेन जिलों में कुछ खास अच्छा नहीं है। गांधी मेडिकल कॉलेज और हमीदिया अस्पताल द्वारा ICMR के सहयोग से की गई एक हालिया स्टडी ने दिखाया है कि इस महत्वाकांक्षी योजना की पहुंच सिर्फ 2.8% आबादी तक ही सीमित है।
अध्ययन में दोनों जिलों के 5709 लोगों को शामिल किया गया, लेकिन इनमें से सिर्फ 162 लोगों के पास ही ABHA नंबर मिला। यानी करीब 97% लोग अब भी योजना से बाहर हैं।
दिलचस्प बात ये रही कि गांवों में स्थिति थोड़ी बेहतर रही वहां 3.4% लोगों के पास ABHA नंबर था, जबकि शहरों में यह आंकड़ा 2.3% पर सिमट गया।
गांव में नेटवर्क नहीं
रिपोर्ट में बताया गया कि ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल की कमी, साथ ही आधार लिंकिंग में दिक्कतें सबसे बड़ी रुकावट हैं। वहीं, शहरों में ज्यादातर लोगों के पास साधन तो हैं, लेकिन जानकारी की कमी और रुचि की कमी दोनों नजर आती है। योजना के प्रचार-प्रसार की कमी से भी लोग इससे जुड़ नहीं पा रहे हैं। रिसर्च टीम ने साफ कहा कि योजना का विचार बहुत अच्छा है, लेकिन ग्राउंड-लेवल पर काम कमजोर है।
अगर सरकार सच में हर नागरिक को डिजिटल हेल्थ आईडी से जोड़ना चाहती है, तो सबसे पहले डिजिटल साक्षरता और सुविधा दोनों को साथ बढ़ाना होगा। टीम ने सुझाव दिया कि ग्राम पंचायत, नगर निकाय, स्कूल और कॉलेजों को इस अभियान से जोड़ा जाए। हेल्थ वॉलंटियर और आशा कार्यकर्ताओं की मदद से गांव-गांव में डिजिटल हेल्थ आईडी रजिस्ट्रेशन कैंप चलाए जाएं।
क्या है ABHA नंबर?
ABHA यानी आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट, एक 14 अंकों का यूनिक डिजिटल नंबर है। इसके ज़रिए व्यक्ति की सभी मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टर की पर्ची, टीकाकरण और इलाज का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन रखा जाता है। इसका मकसद है कि मरीज का हेल्थ डेटा देश के किसी भी हिस्से में तुरंत उपलब्ध हो सके।
