ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर दिए गए बयान ने विवाद बढ़ा दिया है। इसी के विरोध में शुक्रवार को मंत्रालय (वल्लभ भवन) कैंपस के बाहर बड़ी संख्या में लोग जुटे। विरोध करने वालों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों के नेता, सामाजिक संगठन और युवा शामिल रहे। सभी ने जोरदार नारेबाजी करते हुए संतोष कुमार वर्मा का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने परशुराम भगवान के जयकारे भी लगाए।
अजाक्स के नवनिर्वाचित अध्यक्ष और IAS संतोष वर्मा पर कार्रवाई की आवाज जोर पकड़ रही है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की कि उनका IAS अवॉर्ड तुरंत वापस लिया जाए और उन पर FIR दर्ज कर जेल भेजा जाए। लोगों का कहना है कि जिस पद पर बैठकर समाज को जोड़ने का काम होना चाहिए, वहां से इस तरह का बयान असहनीय है।
हनुमान चालीसा पाठ और नारेबाजी
विरोध के दौरान प्रदर्शनकारी तख्तियां लेकर पहुंचे और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। इसी बीच कई लोगों ने मिलकर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। पूरे कार्यक्रम के दौरान पुलिस बल मौजूद रहा और हालात पर नजर रखी। प्रदर्शन में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, बीजेपी नेता गिरीश शर्मा, पुष्पेंद्र मिश्रा, सुधीर नायक और कई सामाजिक संगठनों के लोग मौजूद रहे। संतोष वर्मा विवाद के बीच अजाक्स संगठन का पुराना मामला भी सामने आ गया है। दूसरी धड़े की कार्यकारिणी ने पूर्व अध्यक्ष और पूर्व अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया पर संगठन के खातों से 65 लाख रुपये निकालने का आरोप लगाया है। आरोप है कि SBI टीटी नगर और BOI अरेरा कॉलोनी शाखा के खातों से यह राशि अवैध रूप से निकाली गई।
बढ़ता आ रहा विवाद
अजाक्स संगठन पिछले दो साल से विवादों में है। जुलाई 2023 में ग्वालियर में हुई सभा में मुकेश मौर्य को प्रांताध्यक्ष चुना गया था। लेकिन इस चुनाव को कंसोटिया ने हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। बाद में रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसाइटी ने मौर्य की कार्यकारिणी को वैध माना, लेकिन मामला यहीं थमा नहीं। आरोप है कि इसके बाद भी कंसोटिया ने अनधिकृत रूप से निर्णय लिए और अपील दायर कर दी।
पद देने का आरोप
नई कार्यकारिणी ने आरोप लगाया कि कंसोटिया ने संगठन पर पकड़ बनाए रखने के लिए ऐसे लोगों को पद दिए जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें राजवीर अग्निहोत्री का नाम शामिल है, जिस पर रेलवे ट्रैक उखाड़ने जैसी गंभीर धाराओं के केस चल रहे हैं। मौर्य धड़े ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन देकर 65 लाख रुपये के कथित आर्थिक घोटाले की जांच की मांग की है। साथ ही कंसोटिया और राजवीर अग्निहोत्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही है। संगठन के पत्रों पर रोक लगाने की मांग भी उठी है।
प्रशासन सतर्क
प्रदर्शन के बीच प्रशासन की ओर से सुरक्षा बढ़ा दी गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में दोनों गुटों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। सरकार के हस्तक्षेप तक विवाद थमने के आसार नहीं दिख रहे।
