रीवा के भीड़भाड़ वाले बाजार क्षेत्र में शुक्रवार शाम उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब जीएसटी विभाग की एक टीम ने रतन किराना स्टोर पर बिना पूर्व सूचना के कार्रवाई शुरू कर दी। इलाके में पहले से टैक्स चोरी की शिकायतें तैर रही थीं, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि विभाग इतनी अचानक दबिश देगा। छापा पड़ते ही पूरा बाजार सतर्क हो गया। कुछ ही मिनटों में दुकान के बाहर बड़ी भीड़ जमा हो गई। कई दुकानदार अपने-अपने शटर आधे बंद कर स्थिति जानने की कोशिश करते दिखे, वहीं आम ग्राहक इस आकस्मिक कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं करते नजर आए।
जीएसटी अधिकारियों ने दुकान के अंदर पहुंचकर काउंटर से लेकर बैक ऑफिस तक सभी कागजात खंगाले। टीम ने बिल रजिस्टर, टैक्स से जुड़े लेन-देन के रिकॉर्ड, स्टॉक की सूचियां और डिजिटल डेटा की भी जांच शुरू की। सूत्रों के मुताबिक, विभाग को कई ऐसे दस्तावेज हाथ लगे हैं जिनमें बिलिंग से जुड़ी अनियमितताओं की आशंका जताई जा रही है।
अनियमित बिल
जांच में कुछ बिल ऐसे मिले जो रिकॉर्ड के मुताबिक दर्ज नहीं थे। वहीं, कुछ बिलों में जीएसटी की जो गणना दर्शाई गई थी, वह नियमों से मेल नहीं खाती। टीम ने सभी संदिग्ध दस्तावेज जब्त कर लिए हैं और दुकान के कंप्यूटर से डिजिटल बैकअप भी ले लिया है, ताकि इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की गहराई से जांच हो सके। कार्रवाई के दौरान विभाग ने दुकान मालिक से कई सवाल पूछे। दुकान संचालक ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने को तैयार है। साथ ही यह भी दावा किया कि किसी प्रकार की जानबूझकर की गई गलती नहीं हुई है और रिकॉर्ड में जो भी कमी है, वह तकनीकी कारणों से हो सकती है।
शिकायतों के आधार पर कार्रवाई
जीएसटी विभाग ने स्पष्ट किया कि यह पूरी कार्रवाई उन शिकायतों और शुरुआती साक्ष्यों के आधार पर की गई है, जो उन्हें लगातार मिल रहे थे। अधिकारियों का कहना है कि अभी जांच प्रारंभिक चरण में है और दस्तावेजों की विस्तृत जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी। इस पूरी कार्रवाई ने बाजार में हलचल बढ़ा दी है। स्थानीय व्यापारी अब विभाग की अगली रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जिससे यह साफ होगा कि रतन किराना स्टोर पर दर्ज हुई शिकायतें कितनी गंभीर हैं। फिलहाल, शहर में यह छापा दिनभर की सबसे बड़ी चर्चा में शामिल रहा।
