वक्फ बोर्ड (Waqf Board) को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आया है। कोर्ट ने साफ किया है कि 2025 में बनाए गए वक्फ (संशोधन) अधिनियम के कुछ प्रावधान फिलहाल लागू नहीं होंगे। यानी पूरा कानून रद्द नहीं हुआ है, लेकिन जिन धाराओं को लेकर ज्यादा विवाद और संवेदनशीलता थी, उन पर रोक लगा दी गई है।
किन प्रावधानों पर रोक लगी?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या को सीमित करने का नियम लागू नहीं होगा। इसी तरह, “कम से कम 5 साल से इस्लाम धर्म का पालन करने वाले” होने की शर्त और कलेक्टर को जमीन से जुड़ा अंतिम अधिकार देने जैसी धाराओं पर भी रोक लगा दी गई है। इन नियमों पर आपत्ति थी कि ये लोगों के मौलिक अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता से टकराते हैं।
मुख्यमंत्री का बयान
इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि वक्फ बोर्ड से जुड़ा सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सभी के सामने है और देश ने कई बार देखा है कि जब भी जरूरत पड़ी है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोर्ट के आदेशों को लागू कराने की क्षमता दिखाई है। उन्होंने दोहराया कि पार्टी की नीति साफ है, “न्यायालय का जो भी फैसला होगा, उसका सम्मान किया जाएगा।”
लोगों को क्यों मिली राहत?
दरअसल, लंबे समय से कई संपत्ति मालिक शिकायत कर रहे थे कि उनकी जमीनें बिना सहमति के वक्फ संपत्ति घोषित कर दी जाती हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से उन्हें बड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि अब वक्फ बोर्ड को सीधे तौर पर ऐसा करने का अधिकार नहीं रहेगा। सरकार को अब नए नियम बनाने होंगे, जो संविधान और न्यायपालिका की कसौटी पर खरे उतरें।
वक्फ बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया है, वह हम सबके सामने है। देश को विश्वास में लेकर यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कोर्ट के निर्णय को लागू कराने की क्षमता को देश ने कई बार देखा है।
यह हमारी पार्टी की नीति है, न्यायालय जो निर्णय करेगा; हम उसका सम्मान… pic.twitter.com/orzxWM9WCJ
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 15, 2025
वक्फ बोर्ड क्या करता है?
सरल शब्दों में समझें तो वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज की उन संपत्तियों की देखरेख करता है, जिन्हें कोई व्यक्ति धार्मिक, शैक्षिक या सामाजिक कामों के लिए अल्लाह के नाम पर दान कर देता है। ये संपत्तियाँ मस्जिद, कब्रिस्तान, मदरसा या कोई दुकान-जमीन भी हो सकती हैं। बोर्ड की जिम्मेदारी होती है कि इन संपत्तियों से होने वाली आमदनी को शिक्षा, गरीबों की मदद और धार्मिक कामों में लगाया जाए।
विवाद क्यों उठते हैं?
अक्सर यह आरोप लगता रहा है कि वक्फ बोर्ड बहुत ज्यादा जमीन पर दावा करता है। यह भी विवाद रहा है कि किन संपत्तियों को वक्फ घोषित किया जा सकता है। यही वजह है कि अब सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।