MP में अब कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदारों के तबादले 7 फरवरी 2026 तक नहीं होंगे। निर्वाचन आयोग ने सरकार को साफ निर्देश दिए हैं कि विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) चल रहा है, इसलिए इस दौरान किसी भी अधिकारी को इधर-उधर नहीं किया जा सकता। आयोग के मुताबिक, इस अवधि में प्रशासन का ध्यान पूरी तरह मतदाता सूची के पुनरीक्षण और अपडेट कार्य पर होना चाहिए, ताकि अगले चुनाव से पहले मतदाता सूची पूरी तरह सटीक तैयार हो सके।
क्या है SIR?
SIR यानी Special Intensive Revision दरअसल मतदाता सूची को नए सिरे से जांचने और सुधारने की प्रक्रिया है। इस दौरान घर-घर सर्वे, नाम जोड़ने, हटाने और सुधार का काम होता है। आयोग चाहता है कि अधिकारी बार-बार बदले नहीं जाएं, ताकि काम की गति और पारदर्शिता बनी रहे।
पुनरीक्षण का टाइमटेबल
- मूल्यांकन और प्रशिक्षण: 28 अक्टूबर से 3 नवम्बर 2025
- घर-घर गणना: 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2025
- प्रारंभिक मतदाता सूची का प्रकाशन: 9 दिसम्बर 2025
- दावे और आपत्तियाँ: 9 दिसम्बर 2025 से 8 जनवरी 2026
- अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: 7 फरवरी 2026
आयोग का कहना है कि जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई भी अधिकारी, खासकर जिला या तहसील स्तर का, अपने पद से नहीं हटाया जाएगा।
सरकार को लिखी चिट्ठी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर कहा है कि अगर किसी अधिकारी का तबादला जरूरी भी हो, तो पहले आयोग की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इसमें खास तौर पर जिला निर्वाचन अधिकारियों (कलेक्टर), रिटर्निंग ऑफिसर्स (एसडीएम) और तहसीलदारों को शामिल किया गया है। दरअसल, इस पूरे SIR अभियान को अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी से भी जोड़ा जा रहा है। आयोग चाहता है कि हर वोटर का नाम सही दर्ज हो, ताकि किसी को मत देने के अधिकार से वंचित न रहना पड़े।
