इंदौर शहर में किन्नर समाज से जुड़ा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका असर अब प्रशासन से लेकर राजनैतिक गलियारों तक दिख रहा है। किन्नर सपना को शुक्रवार को भी जेल में रहना पड़ा, जबकि मामला नए मोड़ ले रहा है। अब खबरें हैं कि भोपाल स्तर पर इस पूरे विवाद की जांच के लिए नई एसआईटी गठित की जा सकती है।
लगाया आरोप
मामले में शुक्रवार को किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी कलेक्टर शिवम वर्मा से मिले। उन्होंने सपना और उनके वकील सचिन सोनकर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों मिलकर उन्हें और उनके अनुयायियों को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। इस पर वकील सोनकर ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके पास पायल उर्फ नईम अंसारी और सीमा के खिलाफ विदेशी फंडिंग और किन्नरों के साथ बदसलूकी के वीडियो और दस्तावेज हैं। उन्होंने चुनौती दी कि अगर उनके आरोप झूठे साबित हुए तो वे खुद 11 लाख रुपये इनाम देने को तैयार हैं।
जानें मामला
दरअसल, विवाद की शुरुआत 15 अक्टूबर को पंढरीनाथ थाना क्षेत्र में हुई घटना से हुई। उस दिन 24 किन्नरों ने फिनाइल पी लिया था, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके अलावा अस्पताल के बाहर चार किन्नरों ने पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने रोक लिया। इस बीच, पायल हाजी ने सामने आकर कहा कि उनके खिलाफ पहले भी एसआईटी जांच हो चुकी है और उन्हें तथा अन्य किन्नरों को क्लीन चिट मिल चुकी है। बावजूद इसके कुछ लोग लगातार उनके नाम को घसीट रहे हैं और उन्हें निशाना बना रहे हैं।
आमने-सामने
किन्नर समाज के दो गुटों के बीच संपत्ति और गादी को लेकर विवाद भी लंबे समय से चल रहा है। पायल और सीमा गुरु के लोग कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। वर्तमान एसआईटी की जांच लगभग तीन महीने से रुकी हुई है, खासकर डीसीपी ऋषिकेश मीणा के ट्रांसफर के बाद। हाल ही में किन्नरों ने अन्नपूर्णा थाने का भी घेराव किया था।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
विवाद बढ़ने पर बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह से मुलाकात कर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार अब भोपाल से नई एसआईटी गठित करने पर विचार कर रही है। नई एसआईटी मौजूदा जांच की मॉनिटरिंग करेगी और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेगी। प्रशासन ने कहा है कि मामले से जुड़े सभी पक्षों से पूछताछ जारी है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस विवाद का समाधान ढूंढना अब प्रशासन के लिए प्राथमिकता बन गया है, ताकि किन्नर समाज में शांति कायम की जा सके।
