भोपाल | उत्तर रेलवे के जम्मू मंडल में कठुआ-माधोपुर पंजाब खंड पर तकनीकी कारणों से डाउन लाइन पर यातायात अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। इस बाधा के कारण कई ट्रेनों के संचालन पर असर पड़ा है। पश्चिम मध्य रेलवे, भोपाल मंडल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, तीन महत्वपूर्ण गाड़ियों को उनके नियमित प्रारंभिक स्टेशनों के स्थान पर अन्य स्टेशनों से शॉर्ट ओरिजिनेट किया जाएगा।
कौन-कौन सी ट्रेनें प्रभावित?
- गाड़ी संख्या 12920 मालवा एक्सप्रेस, 29 अगस्त 2025 को नई दिल्ली से शॉर्ट ओरिजिनेट होगी।
- गाड़ी संख्या 16788 श्री माता वैष्णो देवी कटरा-तिरुनेलवेली एक्सप्रेस, 31 अगस्त 2025 को नई दिल्ली से शॉर्ट ओरिजिनेट होगी।
- गाड़ी संख्या 11078 जेहलम एक्सप्रेस, 30 अगस्त 2025 को अंबाला से शॉर्ट ओरिजिनेट होगी।
यात्रियों से अपील
सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने यात्रियों से अपील की है कि यात्रा से पहले गाड़ियों की स्थिति, समय और ठहराव से संबंधित अद्यतन जानकारी रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट www.enquiry.indianrail.gov.in या एनटीईएस मोबाइल ऐप से अवश्य प्राप्त करें।
रेलवे ने बताया कि सुरक्षा कारणों से डाउन लाइन पर यातायात रोका गया है। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए गाड़ियों को नजदीकी बड़े स्टेशनों से प्रस्थान कराया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुँचाया जा सके।
यात्रियों की सुविधा सर्वोपरि
रेल प्रशासन ने कहा कि स्थिति सामान्य होते ही गाड़ियों का संचालन अपने नियमित प्रारंभिक स्टेशनों से शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही प्रभावित यात्रियों को रेलवे हेल्पलाइन और स्टेशनों पर सूचना केंद्रों से मदद लेने की सलाह दी गई है।
रेलवे का इतिहास
भारत में रेलवे का इतिहास बेहद समृद्ध और प्रेरणादायी रहा है। देश में पहली यात्री ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को बोरीबंदर (मुंबई) से ठाणे के बीच चलाई गई थी। यह मात्र 34 किलोमीटर की यात्रा थी, लेकिन इसने भारत में यातायात और संचार का नया अध्याय खोल दिया। धीरे-धीरे रेलवे का जाल पूरे देश में फैल गया। ब्रिटिश काल में रेलवे का मुख्य उद्देश्य व्यापार और संसाधनों की आवाजाही था, लेकिन स्वतंत्रता के बाद भारतीय रेलवे ने राष्ट्र निर्माण और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है।
भारतीय रेलवे सिर्फ यात्रा का साधन नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, परंपरा और सामाजिक जुड़ाव का प्रतीक भी है। मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, राजधानी और शताब्दी जैसी गाड़ियाँ आम जनता की जीवनशैली का हिस्सा बन चुकी हैं। रेलवे ने समय-समय पर तकनीकी प्रगति करते हुए यात्री सुविधा को प्राथमिकता दी है। हाल के वर्षों में विद्युतीकरण, हाई-स्पीड रेल, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट और डिजिटल टिकटिंग सिस्टम जैसे कदम उठाए गए हैं।
इतिहास गवाह है कि रेलवे ने न सिर्फ शहरों और गांवों को जोड़ा, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार दिया और अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। आज भी रेलवे भारत की “लाइफलाइन” कही जाती है और आने वाले वर्षों में यह और आधुनिक स्वरूप में देश को आगे बढ़ाएगी।