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भोपाल में 27 से 30 नवंबर तक होगा विश्व रंग 2025, 70 देशों की भागीदारी

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Published On: 25 November 2025

भोपाल इस महीने फिर एक बड़ा सांस्कृतिक उत्सव देखने जा रहा है। रवीन्द्र भवन परिसर में 27 से 30 नवंबर तक टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव “विश्व रंग 2025” आयोजित होगा। मंगलवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयोजकों ने इस साल के कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की। उन्होंने बताया कि यह विश्व रंग का 7वां संस्करण है, जिसमें 70 देशों की भागीदारी होगी। करीब 30 देशों से कलाकार और लगभग 1000 रचनाकार भोपाल पहुंचेंगे। कार्यक्रम के दौरान 90 से ज्यादा सत्र होंगे। इसे रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, विश्व रंग फाउंडेशन और मध्य प्रदेश शासन मिलकर आयोजित कर रहे हैं।

27 नवंबर को शोभायात्रा

महोत्सव की शुरुआत 27 नवंबर को भव्य शोभायात्रा के साथ होगी। इसी दिन कला प्रदर्शनी भी शुरू होगी, जिसमें गोंड और भील जनजाति की पेंटिंग्स विशेष आकर्षण रहेंगी। शाम 6 बजे राज्यपाल मंगुभाई पटेल महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। मंच पर मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रुपन, मध्यप्रदेश के संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी और टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं विश्व रंग के निदेशक संतोष चौबे भी मौजूद रहेंगे।

मिलेगा मानद अलंकरण

उद्घाटन सत्र में हिंदी, गुजराती, उर्दू, कन्नड़, मराठी और कोंकणी के छह प्रमुख साहित्यकारों को विश्व रंग मानद अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा। इसके बाद विश्व रंग 2025 के सांस्कृतिक सत्र का उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। आयोजकों का कहना है कि इस बार साहित्य, संस्कृति, कला और भाषा इन सभी के बीच सुंदर समन्वय देखने को मिलेगा।

चर्चित हस्तियां होंगी शामिल

28 नवंबर को हंसवानी सभागार और टीनशेड भवन में सत्रों की औपचारिक शुरुआत ध्रुपद संस्थान की प्रस्तुति से होगी। “नई सदी में नए कौशल” विषय पर मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर अंकुर वारिकू अपनी बात रखेंगे। वहीं “खेल, कहानियां और कॉमेडी” विषय पर लोकप्रिय स्पोर्ट्स कमेंटेटर आकाश चोपड़ा शिरकत करेंगे। इसी दिन गीतकार और लेखक स्वानंद किरकिरे भी मंच पर आएंगे और अपने अनुभव व लेखन पर चर्चा करेंगे।

नामचीन रचनाकार बनेंगे हिस्सा

महोत्सव में कई चर्चित और सम्मानित चेहरे शामिल होंगे। इनमें साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता डॉ. नंदकिशोर आचार्य, मिथक–विशेषज्ञ और लोकप्रिय लेखक देवदत्त पटनायक, गायिका सोना महापात्रा, अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा और डिजिटल पत्रकार सौरभ द्विवेदी शामिल हैं। आयोजकों के अनुसार इस बार के सत्र युवा दर्शकों और नए पाठकों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं।

यूक्रेन के बच्चे

प्रेस कॉन्फ्रेंस में विश्व रंग के निदेशक संतोष चौबे ने बताया कि इस बार यूक्रेन के 10 बच्चे विशेष प्रस्तुति देने आ रहे हैं। खास बात यह है कि ये बच्चे हिंदी बोलते हैं और युद्ध के कठिन माहौल में भी भारत की संस्कृति से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। आयोजकों का कहना है कि यह भागीदारी इस महोत्सव की सबसे अनोखी झलक होगी। इसके अलावा केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा 10 देशों के कलाकार भी आमंत्रित किए गए हैं, जो अपने-अपने देश की कला प्रस्तुत करेंगे।

पेंटिंग्स का बड़ा आकर्षण

महोत्सव में हजारों पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। आदिवासी कला, हस्तशिल्प, पारंपरिक आभूषण और देशभर के व्यंजनों के स्टॉल भी आगंतुकों को आकर्षित करेंगे। बच्चों के लिए विज्ञान आधारित विशेष वर्कशॉप्स होंगी। इसके अलावा करीब 20 बड़े प्रकाशकों के स्टॉल भी लगाए जाएंगे, जहां नई पुस्तकों की लॉन्चिंग और पुस्तक चर्चा आयोजित होगी। इस बार उत्तर-पूर्वी राज्यों की कला और खाद्य संस्कृति को भी विशेष रूप से जगह दी गई है।

चार दिनों तक चलने वाला यह महोत्सव भोपाल को अंतरराष्ट्रीय कला-संस्कृति के रंगों से भर देगा। आयोजकों का मानना है कि यह सिर्फ कार्यक्रम नहीं, बल्कि विचार, भाषा और संस्कृति का बड़ा संगम है, जिसमें दुनिया भर के साहित्यकार, कलाकार और युवा एक साथ जुड़ेंगे।

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