रीवा के मार्तण्ड क्रमांक 1 कन्या छात्रावास में छात्राओं के भोजन में कनखजूरा मिलने का मामला मंगलवार को राजनीतिक और सामाजिक ध्यान का केंद्र बन गया। छात्राओं की शिकायत पर NSUI जिलाध्यक्ष पंकज उपाध्याय मौके पर पहुंचे और प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रशासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
NSUI की चेतावनी
पंकज उपाध्याय ने कहा, “मार्तण्ड क्रमांक 1 कन्या छात्रावास में छात्रों को परोसे गए भोजन में कीड़ा पाए जाने की घटना सामने आई है। इससे पहले भी छात्रों के भोजन में कीड़ा पाया गया था। जब छात्रों ने आवाज़ उठाई तो उन्हें डराया-धमकाया गया और चुप कराया गया।”
उन्होंने बताया कि जब उन्हें इस मामले की जानकारी मिली तो वे छात्राओं से मिलने पहुंचे। प्रबंधन ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। प्राचार्य की अनुपस्थिति में केवल फोन पर बातचीत कराई गई, लेकिन छात्राओं की आवाज़ दबाने की कोशिश की गई। पंकज उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि “हम डरने वाले नहीं हैं और छात्राओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए लड़ाई जारी रखेंगे। बच्चों को जहरीला भोजन नहीं दिया जाएगा।”
48 घंटे का अल्टीमेटम
NSUI जिलाध्यक्ष ने कहा कि आज छात्राओं की आवाज़ को कलेक्ट्रेट तक पहुंचाया जाएगा और कलेक्टर से मुलाकात की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 48 घंटे के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन सख्त रुख अपनाएगा और उग्र आंदोलन किया जाएगा।
पंकज उपाध्याय ने बताया कि प्राचार्य को जब लगा कि मामला बिगड़ सकता है, तब उन्होंने दबाव में आकर छात्राओं से मुलाकात की अनुमति दी। यह कदम छात्राओं के अधिकारों और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक माना जा रहा है।
छात्राओं की सुरक्षा
मामले ने छात्रावास प्रबंधन की लापरवाही और निगरानी में कमी को उजागर किया है। छात्राओं का कहना है कि दो बार भोजन में कीड़ा मिलने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। NSUI ने इस मामले में प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
रीवा की बेटियों की थालियों में अब खाना नहीं, कनखजूरा परोसा जा रहा है।
मार्तण्ड क्रमांक-1 कन्या छात्रावास में घोर लापरवाही का मामला सामने आया, जहां दो दिन में दूसरी बार खाने में कीड़ा मिला। और जब बेटियों ने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई, तो उन्हें डरा-धमकाकर चुप करा दिया गया।… pic.twitter.com/4djfNTl6cE
— Kamleshwar Patel (@Kamleshwar_INC) October 14, 2025
विशेषज्ञों का कहना है कि छात्रावासों में स्वास्थ्य और स्वच्छता को प्राथमिकता देना आवश्यक है। छात्राओं के भोजन में किसी भी प्रकार की लापरवाही गंभीर परिणाम ला सकती है। NSUI का यह कदम छात्राओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक स्पष्ट संदेश है।
