ग्वालियर | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार, 5 जुलाई को ग्वालियर जिले के जौरासी गांव में आयोजित सामाजिक समरसता सम्मेलन में शामिल होंगे। इस मौके पर वे अंबेडकर धाम का भूमि पूजन करेंगे, जो बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विचारों और सामाजिक न्याय की भावना को समर्पित होगा।
समानता का प्रतीक बनेगा
मुख्यमंत्री के अनुसार अंबेडकर धाम सामाजिक समरसता, समान अधिकार और न्याय के मूल्यों को बढ़ावा देने वाला एक प्रेरणास्पद स्मारक स्थल बनेगा। यह स्थल संविधान निर्माता बाबा साहेब के जीवन और विचारों से युवाओं को जोड़ने का कार्य करेगा। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री प्रदेश की जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक लाभ वितरित करेंगे, समरसता की शपथ दिलाएंगे और सामाजिक क्षेत्र में योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित भी करेंगे।
समाज को जोड़ने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समरस, न्यायपूर्ण और सशक्त समाज के बिना आत्मनिर्भर भारत की कल्पना अधूरी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार बाबा साहेब के विचारों को नीति और योजना दोनों के स्तर पर लागू कर रही है।
बाबा साहेब से जुड़े स्थलों का विकास
राज्य सरकार ने बाबा साहेब से जुड़े पांच स्थलों महू, दिल्ली, नागपुर, मुंबई और लंदन को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में शामिल किया है। महू स्थित जन्मस्थली को राष्ट्रीय आस्था केंद्र और अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान के रूप में विकसित किया जा रहा है।
SC वर्ग के लिए कई योजनाएं संचालित
- प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं के लिए शिक्षा, रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली योजनाएं चला रही है:
- कामधेनु योजना के तहत 42 लाख तक के पशुपालन ऋण पर 33% सब्सिडी
- उद्योग उदय योजना में एससी उद्यमियों को MSME सेक्टर में वित्तीय सहयोग
- मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार योजना के तहत ₹30,000 तक की छात्रवृत्ति
- अंतरराष्ट्रीय फेलोशिप और तकनीकी प्रशिक्षण के लिए विशेष सहायता
पंचायत स्तर तक विस्तार
प्रदेश भर में जनसंवाद, नाटक, प्रतियोगिताएं और संविधान जागरूकता रैलियाँ आयोजित की जा रही हैं। महाविद्यालयों, सड़कों, पुस्तकालयों और पार्कों के नाम बाबा साहेब के नाम पर रखे गए हैं। महू रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर आंबेडकर नगर किया गया है।
डिजिटल भारत में बाबा साहेब का योगदान
भीम ऐप (BHIM App) जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म बाबा साहेब के आर्थिक दृष्टिकोण को आधुनिक भारत में साकार कर रहे हैं। वहीं, केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालयों में Ambedkar Centres of Excellence की स्थापना कर अनुसूचित जाति वर्ग को उच्च शिक्षा में अवसर दिए हैं।