ग्वालियर | कोलकाता के हावड़ा से 11 दिन पहले रहस्यमय ढंग से लापता हुआ कॉल सेंटर (BPO) कर्मचारी आखिरकार ग्वालियर में मिल गया। युवक मानसिक तनाव के कारण ट्रेन में बैठकर ग्वालियर आ पहुंचा था। भूख-प्यास से बेहाल होकर उसने अपनी सुध-बुध खो दी थी। 20 अगस्त को पुलिस को वह सड़कों पर भटकता मिला।
थाना विश्वविद्यालय की टीम ने जब युवक को रोका और पूछताछ की, तो वह अपना नाम-पता तक नहीं बता पाया। पुलिस ने उसे तत्काल आश्रम स्वर्ग सदन में भेजा, जहां अच्छे माहौल और काउंसलिंग की वजह से उसकी याददाश्त लौटी। उसने खुद को असम के नागालैंड बॉर्डर पर बसे सिबसागर गांव का निवासी बताया।
गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज
इसके बाद पुलिस ने असम डीजीपी से संपर्क किया। जांच में पता चला कि इसी नाम का एक युवक कोलकाता में कॉल सेंटर कर्मचारी के रूप में काम करता था और उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है। सूचना मिलते ही परिजन ग्वालियर पहुंचे और शनिवार को उसे अपने साथ ले गए।
पुलिस और आश्रम की भूमिका
तीन दिन पहले युवक ग्वालियर के सिटी सेंटर इलाके में घूमता मिला था। सीएसपी विश्वविद्यालय हिना खान और थाना प्रभारी रविंद्र कुमार ने बताया कि उसकी भाषा आसपास के लोगों से बिल्कुल अलग थी। पुलिस उसे थाने ले आई, जहां उसने अपना नाम जावेद हुसैन बताया। लेकिन वह यह नहीं बता पा रहा था कि कहां से आया और क्या करता है।
मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे आश्रम भेजा गया। आश्रम के संचालक विकास गोस्वामी ने जावेद से संवाद शुरू किया और उसकी काउंसलिंग की। धीरे-धीरे उसकी स्मृति वापस आई और उसने बताया कि वह कोलकाता की एक कॉल सेंटर कंपनी में काम करता है।
परिजनों से मुलाकात
जावेद की पहचान और पते की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने उसके परिवार से संपर्क किया। शनिवार को परिजन ग्वालियर पहुंचे और जावेद को अपने साथ ले गए। इस दौरान पुलिस टीम ने भावुक पल में उसे विदाई दी।