ग्वालियर शहर के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में शुक्रवार को एक नज़ारा सामने आया, जब कांग्रेस विधायक डॉ. सतीश सिकरवार नाराज होकर वापस लौटने लगे। मामला वीआईपी गेट पर उनके रोक दिए जाने का था। तभी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हस्तक्षेप कर उन्हें मनाया और बैठक में शामिल कराया। बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित थी।
डॉ. सिकरवार जब बैठक में शामिल होने पहुंचे, तो तहसीलदार कुलदीप दुबे ने उन्हें मुख्य गेट से नहीं बल्कि दूसरे गेट से जाने को कहा। इससे नाराज होकर विधायक अपनी गाड़ी में बैठकर घर लौटने लगे। रास्ते में केंद्रीय मंत्री सिंधिया की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने विधायक से बात की और समझाकर उन्हें बैठक में लाकर शामिल कराया।
अलग-अलग गेट बनाना सही नहीं
डॉ. सिकरवार ने कहा कि भाजपा के शासन में अलग-अलग गेट बनाना सही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे और ऐसे भेदभाव की अनुमति नहीं देंगे। बैठक में ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह अनुपस्थित रहे। उन्होंने शिवपुरी के पोहरी में कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी, जबकि केंद्रीय मंत्री सिंधिया ग्वालियर में समीक्षा बैठक ले रहे थे।
बैठक में 11 प्रमुख विकास परियोजनाओं पर चर्चा हुई। इनमें एलिवेटेड रोड, रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण, आगरा एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न बाइपास और चंबल नदी से पानी की आपूर्ति जैसे बड़े प्रोजेक्ट शामिल थे। केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य समय पर पूरे किए जाएं। बैठक में प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर और कुछ कांग्रेस पार्षद भी मौजूद रहे।
विकास कार्यों पर खुलकर
सिंधिया ने बैठक को सार्थक बताया और कहा कि शहर में चल रहे सभी विकास कार्यों पर खुलकर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि 234 सड़कों पर काम होना है और एलिवेटेड रोड, रेलवे स्टेशन और चंबल नदी से पानी लाने के प्रोजेक्ट का 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन परियोजनाओं में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि ग्वालियर के ट्रैफिक प्रबंधन और शहर की सुंदरता को ध्यान में रखते हुए स्थानीय व्यापारियों के साथ मिलकर सड़कों का भार कम करने का प्लान तैयार किया जाएगा।
बैठक के बाद सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करना प्राथमिकता होनी चाहिए।