भिंड | मध्य प्रदेश के भिंड जिले की विकास योजनाओं को लेकर मंगलवार को आयोजित ‘दिशा’ समिति (जिला विकास समन्वय एवं मूल्यांकन समिति) की बैठक में सांसद संध्या राय ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “योजनाओं का उद्देश्य सिर्फ निर्माण नहीं, आमजन को लाभ पहुंचाना होना चाहिए।”
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में सांसद ने विभिन्न विभागों की समीक्षा करते हुए कहा कि योजनाएं अब कागजों से निकलकर जमीन पर नजर आनी चाहिए। उन्होंने अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब केवल रिपोर्टिंग नहीं, ठोस परिणामों के साथ जवाब देना होगा।
नल-जल योजना पर जताई नाराजगी
सांसद ने प्रधानमंत्री नल-जल योजना की प्रगति पर असंतोष जाहिर किया। उन्होंने पूछा कि जिले की कितनी पंचायतों में यह योजना पूरी हो चुकी है और शेष कार्य कब तक पूरे होंगे। उन्होंने दोहराया कि यह योजना प्रधानमंत्री की प्राथमिकताओं में है, ऐसे में इसकी गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं होगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा में सांसद राय ने आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि किराए के भवनों या अशासकीय परिसरों में संचालित केंद्रों की सूची तैयार की जाए और असुविधाजनक केंद्रों को दुरुस्त किया जाए।
दिव्यांगजन के लिए कैंप आयोजित करने के निर्देश
सामाजिक न्याय विभाग को सांसद ने निर्देशित किया कि दिव्यांगजन के लिए विधानसभा वार सहायक उपकरण वितरण कैंप आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि इसका ठोस खाका अगली बैठक में पेश किया जाए। सांसद ने पंचायत, लोक निर्माण, डूडा, एमपीईबी और ट्राइबल विभाग की योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सिर्फ कागजों पर काम नहीं, वास्तविक धरातल पर विकास दिखना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी बैठक में अधिकारी केवल आंकड़े नहीं, जमीनी सच्चाई के साथ उपस्थित हों।
ये रहे उपस्थित
बैठक में विधायक गोहद केशव देसाई, जिला पंचायत अध्यक्ष कामना सिंह भदौरिया, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, सीईओ सुनील दुबे, संयुक्त कलेक्टर अंकुर रवि गुप्ता सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।