ग्वालियर | राज्य साइबर पुलिस जोन ग्वालियर को बड़ी सफलता मिली है। नौ साल पहले रिलायंस कंपनी का टावर लगाने के नाम पर 52 लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी को प्रयागराज रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी कुमार पिंटू (निवासी वैशाली, बिहार) लंबे समय से साधु के भेष में रह रहा था। वह अखाड़ों में पुलिसकर्मियों के बीच उठता-बैठता था और किसी को शक तक नहीं होता था। फिलहाल वह दिल्ली से ठगी का कॉल सेंटर चला रहा था। पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने दिल्ली, बिहार और उत्तराखंड के फर्जी पहचान पत्र बनवा रखे थे।
एसपी ने दी ये जानकारी
एसपी साइबर सेल ग्वालियर प्रणय नागवंशी ने बताया कि आरोपी की लोकेशन की पुख्ता जानकारी मिलने पर डीएसपी संजीव नयन शर्मा और निरीक्षक मुकेश नारौलिया की टीम ने कार्रवाई की। टीम ने प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर घेराबंदी कर आरोपी को दबोचा और ग्वालियर लाया।
बैंक में कर चुका है नौकरी
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, 2015 में आरोपी ने शशांक स्वामी नामक व्यक्ति से रिलायंस टावर लगाने का झांसा देकर 52 लाख 24 हजार 723 रुपए ऐंठ लिए थे। मामले की एफआईआर के बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। आरोपी पहले बैंक में नौकरी कर चुका है, इस कारण बैंकिंग सिस्टम और डाक्यूमेंट्स टेम्परिंग की तकनीक उसे अच्छी तरह आती थी।
पुलिस का कहना है कि आरोपी की गैंग में बैंक कर्मी और अन्य लोग शामिल थे। इनमें से पांच आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। अब मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी से मामले के और राज खुलने की उम्मीद है।
डीएसपी ने कही ये बात
डीएसपी संजीव नयन शर्मा ने बताया कि आरोपी लगातार वेश बदलकर और फर्जी पहचान का सहारा लेकर पुलिस को चकमा दे रहा था। नौ साल बाद अब जाकर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है और पूछताछ जारी है।