ग्वालियर | मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शिवपुरी लिंक रोड पर छह दिन पहले हुए दर्दनाक सड़क हादसे में सोमवार की रात एक और जख्मी कांवड़ यात्री ने दम तोड़ दिया। यह मृतक कोई और नहीं बल्कि गांव के प्रसिद्ध संत गोविंद दास गिरी महाराज थे, जो पहली बार कांवड़ लेकर यात्रा पर निकले थे। इलाज के दौरान उनकी हालत लगातार नाजुक बनी रही और अंततः उन्होंने भी अस्पताल में आखिरी सांस ली।
संत गोविंद दास गिरी, ग्वालियर जिले के घाटीगांव क्षेत्र के सिमरिया स्थित सीडना का चक गांव के निवासी थे। वे गांव के एक मंदिर की सेवा में वर्षों से जुटे थे और ग्रामीणों के बीच गहरी श्रद्धा का केंद्र माने जाते थे। इस बार वे पहली बार भदावना धाम से कांवड़ भरकर लौट रहे थे, तभी यह हादसा हो गया। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां प्रशासन की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था।
हादसा जो कभी न भूल पाएगा गांव
हादसा बीते मंगलवार की रात करीब 12:30 बजे हुआ था, जब आगरा-मुंबई हाईवे के शिवपुरी लिंक रोड पर शीतला माता मंदिर गेट के पास एक तेज़ रफ्तार कार ने पैदल चल रहे कांवड़ यात्रियों को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि कार पलट गई और कई कांवड़िए सड़क किनारे खाई में जा गिरे।
घटना के बाद मौके पर ही तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अब संत गोविंद दास गिरी की मृत्यु के साथ हादसे में मरने वालों की संख्या पाँच हो गई है।
एक ही गांव के 5 परिवारों में मातम
इस हादसे में जिन पांच लोगों की जान गई, वे सभी सिमरिया घाटीगांव क्षेत्र के रहने वाले थे। मृतकों में पूरन बंजारा, रमेश बंजारा, दिनेश बंजारा, धर्मेंद्र उर्फ छोटू और अब संत गोविंद दास गिरी का नाम जुड़ गया है। सभी रिश्तेदार या परिचित थे और एक साथ भक्ति भाव से कांवड़ यात्रा पर निकले थे।
प्रशासन की निगरानी में इलाज
झांसी रोड थाने के प्रभारी शक्ति सिंह यादव ने बताया कि हादसे में घायल एक और यात्री की मौत की पुष्टि हो गई है। पुलिस ने अब तक सभी मृतकों के परिवारों से संपर्क कर पोस्टमार्टम और आगे की प्रक्रिया पूरी कर ली है। घायल प्रहलाद बंजारा खतरे से बाहर है और अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। गांव में अब सिर्फ शोक और सन्नाटा है।