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ग्वालियर में दिल दहला देने वाला हादसा, सब्जी लेने निकले शख्स को 20 सेकंड में तीन ट्रकों ने कुचला

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Published On: 15 July 2025

ग्वालियर | MP के ग्वालियर के लक्ष्मीगंज पुलिया पर रविवार रात एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने एक पूरे परिवार की खुशियां मातम में बदल दीं। रात करीब दो बजे, महज 20 सेकंड के भीतर, 47 वर्षीय देवेंद्र जाटव के ऊपर से तीन ट्रक गुजर गए। वो सड़क पर गिरने के बाद संभल पाते, इससे पहले ही दो और ट्रक उन्हें बेरहमी से कुचलते हुए निकल गए। सोमवार को इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। इस दर्दनाक घटना ने उनकी बेटी की सगाई से ठीक एक दिन पहले पूरा घर उजाड़ दिया।

रात के सन्नाटे में हुआ हादसा

देवेंद्र जाटव, जो कि कलर-पुट्टी का ठेका लेकर काम करते थे, रविवार की रात घाटीगांव से काम निपटाकर घर लौटे थे। घर पहुंचते ही उन्होंने अपनी बेटी से खाने को कहा। बेटी ने बताया कि रोटी तो है, लेकिन सब्जी नहीं। पिता का प्यार और जिम्मेदारी समझते हुए देवेंद्र बिना देर किए होटल से सब्जी लेने निकल गए। लेकिन किसे पता था कि यह उनका आखिरी सफर होगा। देवेंद्र आसपास के होटल बंद देखकर थोड़ा आगे बढ़ गए। उसी दौरान तेज रफ्तार में आए एक ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। वो सड़क पर गिर पड़े, लेकिन इससे पहले कि कोई मदद पहुंचती, दो और ट्रक लगातार उनके ऊपर से गुजर गए। हादसे में उनके दोनों पैर बुरी तरह कुचले गए।

इलाज के दौरान तोड़ा दम

घटना की सूचना मिलते ही देवेंद्र का भाई गजेंद्र जाटव मौके पर पहुंचा और पुलिस की मदद से उन्हें ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। उस समय तक उनकी सांसें चल रही थीं। परिवार ने उम्मीद नहीं छोड़ी, लेकिन सोमवार को इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

बता दें कि देवेंद्र की बड़ी बेटी की सगाई मंगलवार को होनी थी। उसी ससुराल में वो अगले दिन जाने वाले थे, जहां रिश्ता तय हुआ था। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। खुशियों से भरे घर में एकाएक मातम पसर गया। पत्नी, जो उस समय डबरा में थी, हादसे की खबर सुनकर बेसुध हो गई।

वीडियो आया सामने

जनकगंज थाना पुलिस ने बताया कि हादसा रामद्वारा के पास लक्ष्मीगंज पुलिया पर हुआ और वहां पास ही की शराब दुकान के सीसीटीवी में पूरा घटनाक्रम कैद हो गया। फुटेज में साफ दिखता है कि कैसे एक के बाद एक तीन ट्रक देवेंद्र के ऊपर से गुजरते हैं। पुलिस ने फुटेज के आधार पर ट्रकों की पहचान शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की उम्मीद जताई है।

बेटे-बेटियों पर जिम्मेदारी

देवेंद्र अपने पीछे दो बेटियां और एक बेटा छोड़ गए हैं। वे परिवार के मुख्य सहारा थे और मेहनत-मजदूरी करके घर चलाते थे। अब इस हादसे के बाद परिवार पर दोहरी मार पड़ी है।

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