ग्वालियर | आंगनवाड़ी में काम करने वाली 22 वर्षीय युवती रानी कुशवाह की आत्महत्या ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन इस दर्दनाक घटना से भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि आत्महत्या के तीन दिन बाद तक पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया। परिजन जब न्याय की उम्मीद में पुलिस अधीक्षक की जनसुनवाई में पहुंचे और राजीनामा के दबाव के आरोप लगाए, तब जाकर पुलिस हरकत में आई और आरोपी पर केस दर्ज किया गया।
जनसुनवाई के बाद टूटी चुप्पी
गंगा मालनपुर की रहने वाली रानी कुशवाह, जो पुरानी छावनी थाना क्षेत्र में रहती थी, आंगनवाड़ी में सहायिका के रूप में कार्यरत थी। शनिवार को ड्यूटी से लौटने के बाद उसने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवार वालों ने दरवाजा खोलकर उसे फंदे से लटका देखा तो आनन-फानन में अस्पताल ले गए, लेकिन रविवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
परिवार का आरोप है कि पुलिस ने दो दिनों तक कोई FIR दर्ज नहीं की और लगातार उन्हें दबाव में लाकर मामले को खत्म करने की कोशिश की जा रही थी। मंगलवार को जब मृतका के मामा सोनू कुशवाह अपने रिश्तेदारों के साथ जनसुनवाई में पहुंचे और मीडिया के सामने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, तभी पुलिस ने हरकत दिखाई।
कौन है आरोपी?
परिवार का कहना है कि पड़ोस में रहने वाला मनीष कुशवाह रानी को पिछले कई महीनों से परेशान कर रहा था। छेड़छाड़, फब्तियां, अभद्र टिप्पणियां, यहां तक कि युवती की तस्वीरों को एडिट कर वायरल करना, मनीष की आदत बन चुकी थी। वह अपने दोस्तों को रानी के नाम से फोटो दिखाकर उसका मजाक उड़ाता था। इससे रानी मानसिक तनाव में रहने लगी थी।
पहले भी की थी शिकायत
हादसे के महज 13 दिन पहले रानी ने अपनी मां के साथ थाने जाकर मनीष के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी। पुलिस ने आरोपी को थाने बुलाया, लेकिन मामला दर्ज करने के बजाय दोनों पक्षों में राजीनामा करवा दिया गया। यह राजीनामा रानी के लिए एक और मानसिक बोझ बन गया। मनीष ने इसके बाद रानी को और ज्यादा परेशान करना शुरू कर दिया। परिजन का आरोप है कि यदि उस वक्त पुलिस कड़ी कार्रवाई करती, तो शायद रानी आज जिंदा होती।
मां ने कहा- ‘वो टूट गई थी’
रानी की मां का कहना है कि बेटी ड्यूटी से लौटने के बाद चुपचाप अपने कमरे में चली गई थी। चेहरे पर उदासी और तनाव साफ दिख रहा था। थोड़ी देर बाद जब उन्होंने दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिला। दरवाजा खोलते ही सामने लटकी हुई बेटी की लाश देखकर वह चीख पड़ीं। वो खुद को कमजोर मानने लगी थी… बार-बार कहती थी- मां मैं किसी को क्या समझाऊं, लोग तो मेरी ही गलती निकालेंगे।
आरोपी फरार
परिजन का आरोप है कि पुलिस ने शुरुआत से ही मामले को गंभीरता से नहीं लिया। FIR दर्ज करने में देरी की और उल्टा उनसे ही सवाल-जवाब किए गए। पुलिस ने जनसुनवाई में हंगामे के बाद मंगलवार रात मनीष कुशवाह पर आत्महत्या के लिए उकसाने और छेड़छाड़ की धाराओं में मामला दर्ज किया। हालांकि अभी तक आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
पुरानी छावनी थाना प्रभारी क्षमा राजोरिया का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और परिजनों की शिकायत के आधार पर मनीष के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। उसकी तलाश जारी है। जल्द ही गिरफ्तारी होगी।