ग्वालियर में दिन आम दिनों जैसा बिल्कुल नहीं रहा। सोशल मीडिया पर सुबह-सुबह फैली अफवाहों ने पुलिस और प्रशासन को पूरी ताकत से मैदान में उतार दिया। हालात बिगड़ें उससे पहले ही तड़के 5 बजे कलेक्टर रूचिका चौहान और एसएसपी धर्मवीर सिंह शहर के चक्कर लगाने निकल पड़े। उनके पहुंचने से पहले ही पुलिस ने शहर के बड़े-बड़े चौराहों और बाजारों को कड़े पहरे में ले लिया था।
सुबह होते ही कई इलाकों में बैरिकेड्स खड़े कर दिए गए। एक-एक गाड़ी को रोककर चेकिंग हुई, पहचान पूछी गई और जरूरत पड़ी तो गाड़ी की तलाशी भी ली गई। सिर्फ शहर के अंदर ही नहीं, बल्कि शहर की सीमाओं पर भी पुलिस पूरी सख्ती से खड़ी रही। बाहर से आने वाली हर गाड़ी को रोका गया, पूरे वाहन की चेकिंग के बाद ही एंट्री मिली। आने का कारण भी पूछा गया क्यों आए, कहां जा रहे हो, किससे मिलने जा रहे हो सब कुछ नोट किया गया।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने की घटनाएं
असल में हाल के दिनों में ग्वालियर में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। कोई आंदोलन होने की खबर, कोई रैली की बात, या कोई ऐसी पोस्ट जो माहौल खराब कर दे ऐसे संदेश अक्सर वायरल होते रहते हैं। इसी वजह से रविवार को भी सुबह एक अफवाह चली, जिसके बाद प्रशासन पहले से तैयार बैठा था। साइबर एक्सपर्ट टीम लगातार फोन और सोशल मीडिया पर नजर रख रही थी, ताकि पता चल सके कि कौन इसे फैला रहा है और उसका इरादा क्या है।
चेकिंग पॉइंट सक्रिय
शहर में कई जगहों पर सुबह से ही चेकिंग पॉइंट सक्रिय थे। बरेठा चौकी के पास टोल प्लाजा, मुरार इलाके की मुख्य सड़कें, सिरोल का नैना गिर तिराहा, चिरवाई नाका, पटेल नगर, थाटीपुर, पुरानी छावनी की निरावली, हजीरा, सराफा तिराहा लगभग हर बड़ा पॉइंट पुलिस के कब्जे में था। भितरवार और बगवाई तिराहा तक टीमों ने मोर्चा संभाल लिया था। दिनभर पुलिस का रवैया बेहद सख्त रहा। किसी भी अनजान चेहरे या संदेहास्पद वाहन को बिना चेक किए आगे नहीं बढ़ने दिया गया। प्रशासन का साफ कहना है कि सोशल मीडिया पर किसी को भी माहौल खराब करने नहीं दिया जाएगा।
रविवार का पूरा दिन इसी सतर्कता में बीता और अफवाहों का असर शहर पर नहीं पड़ने दिया गया। पुलिस और प्रशासन ने साफ कर दिया ग्वालियर में अफवाहों की जगह नहीं है।
