ग्वालियर | मध्य प्रदेश के ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय परिसर में शनिवार को आयोजित सामाजिक समरसता सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर सहित कई जनप्रतिनिधियों ने सामाजिक समरसता, समानता और विकास के मुद्दों पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर 281.71 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन भी हुआ।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि 20वीं सदी में जब जातिवाद चरम पर था, तब महात्मा गांधी प्रेम और सद्भाव की सीख लेकर सामने आए। इसके बाद डॉ. हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना की, जिसे आज विश्वभर में सामाजिक समरसता के माध्यम के रूप में पहचाना जाता है।
डॉ. यादव का दावा
डॉ. यादव ने दावा किया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी माना था कि सामाजिक समरसता के लिए आरएसएस एक अच्छा माध्यम हो सकता है। अगर हमें लंबे समय तक आज़ादी बनाए रखनी है, तो समाज की समस्याओं का समाधान ज़रूरी है और सामाजिक समरसता इसका सबसे कारगर ज़रिया है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और कहा कि “हमारा उद्देश्य केवल विकास नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलना है।”
SSP ने दिलाया कार्रवाई का भरोसा
कार्यक्रम के दौरान सभागार में मौजूद एक युवक जितेन्द्र कुमार ने सीएम से मिलने की कोशिश में हंगामा कर दिया। युवक ने आरोप लगाया कि दो दिन पहले कुछ लड़कों ने उसके साथ मारपीट की और रुपये छीन लिए, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। जब वह मुख्यमंत्री को अपनी हालत दिखाने लगा, तो पुलिसकर्मियों ने उसे हटाने की कोशिश की। बाद में SSP धर्मवीर सिंह युवक को कार्रवाई के आश्वासन के साथ अपने साथ ले गए। वहीं, एक महिला ने आरोप लगाया कि उसे मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया गया।
“भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर”
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से प्रगति की ओर अग्रसर है। “हमने जापान को पीछे छोड़ा है और आने वाले एक साल में जर्मनी को भी पीछे छोड़ देंगे। भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।” उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता भारत की परंपरा में शामिल है और इसे सिखाने की आवश्यकता नहीं है। सिंधिया ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रशंसा करते हुए कहा, “जिस प्रकार मोहन यादव जी ने केवल चुनाव के समय नहीं, बल्कि सामान्य समय में भी सामाजिक समरसता सम्मेलन आयोजित किया है, वह सराहनीय है।”
उन्होंने यह भी कहा कि “डॉ. अंबेडकर से हमारा पारिवारिक और रक्त का संबंध है। अंबेडकर माहर समाज से थे और मराठा सेनाओं में माहर समाज के योद्धा प्रमुख भूमिका में रहे हैं। मेरी ससुराल गायकवाड़ परिवार से है, जिन्होंने बाबा साहेब की शिक्षा में योगदान दिया।”
विधानसभा अध्यक्ष ने कही ये बात
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री केवल विकास के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता के लिए भी उतने ही प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, “अगर हम समरस और संगठित रहेंगे, तो भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता।”
करोड़ों की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गोले का मंदिर-मुरैना रोड स्थित नव निर्मित आईएसबीटी परिसर का शुभारंभ किया। इस दौरान कुल 281.71 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया।
- स्वास्थ्य: बिरला नगर सिविल अस्पताल का नया भवन (₹15 करोड़), 1000 बिस्तरीय जेएएच अस्पताल को जोड़ने वाला अंडरब्रिज (₹16.15 करोड़)
- शिक्षा: बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिक्षा नगर (₹20.12 करोड़), सीएम राइज कन्या स्कूल किला गेट (₹35.93 करोड़)
- यातायात और इंफ्रास्ट्रक्चर: आईएसबीटी (₹77 करोड़), फूलबाग जीआईएस विद्युत सब स्टेशन (₹112 करोड़), वेस्ट टू वंडर पार्क (₹2.67 करोड़), स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जेसी मिल (₹2.84 करोड़)
हर साल होगा ‘अंबेडकर धाम’ में समरसता सम्मेलन
सिंधिया ने घोषणा की कि ग्वालियर के जौरासी में बन रहे अंबेडकर धाम में हर वर्ष सामाजिक समरसता सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-14 और 16 के आधार पर समान अधिकार सुनिश्चित करने में डॉ. अंबेडकर की भूमिका ऐतिहासिक रही है।