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फिर खुले तिघरा जलाशय के सातों गेट, 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा; डाउन स्ट्रीम के गाँवों में अलर्ट

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Published On: 15 July 2025

ग्वालियर | लगातार हो रही भारी बारिश के चलते ग्वालियर की जीवनरेखा तिघरा जलाशय एक बार फिर लबालब हो गया है। मंगलवार को जलस्तर बढ़ने के बाद जल संसाधन विभाग ने तिघरा के सभी 7 गेट खोल दिए, जिससे करीब 8 से 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। गेट खुलने की खबर से बड़ी संख्या में लोग तिघरा पहुँचे और गगनचुंबी गर्जना के साथ गिरते पानी का नज़ारा देखने को उमड़ पड़े।

तिघरा जलाशय, जो ग्वालियर शहर की सबसे बड़ी पेयजल सप्लाई का स्रोत भी है, इस साल मानसून में बार-बार पूरी क्षमता से भर रहा है। मंगलवार दोपहर लगभग 4 बजे पहले 5 गेट खोले गए और फिर कुछ देर बाद बचे हुए 2 गेट भी खोल दिए गए।

गाँवों को किया गया सतर्क

गेट खोलने से पहले तीन बार सायरन बजाया गया ताकि तिघरा की डाउन स्ट्रीम में बसे गाँवों को अलर्ट किया जा सके। कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर राजस्व विभाग और SDRF की टीमें अलर्ट मोड पर हैं। प्रभावित गाँवों में तिघरा, कैथा, महिदपुर, कुलैथ, दुगनावली, तिलघना सहित मुरैना जिले के जखौदा, पहाड़ी और बामोर शामिल हैं।

एसडीओ (जल संसाधन) वीरेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि जलाशय का जलस्तर सामान्य स्तर पर लाने के लिए पानी छोड़ा गया है। स्थिति सामान्य होने पर गेट बंद कर दिए जाएंगे, लेकिन यदि फिर से पानी बढ़ा तो गेट दोबारा खोले जाएंगे। गेट खुलने की खबर मिलते ही शहरवासियों में रोमांच का माहौल बन गया। तिघरा पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और विशाल वेग से गिरते पानी का नज़ारा कैमरों में कैद किया। वहीं, जलाशय भरने से शहरवासियों को सालभर के लिए पेयजल आपूर्ति को लेकर राहत मिली है।

सौ साल पुरानी तकनीक आज भी कमाल कर रही

गौरतलब है कि तिघरा जलाशय का निर्माण 100 साल पहले सिंधिया राज के समय प्रसिद्ध इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की तकनीकी सलाह से हुआ था। यह जलाशय साँक नदी पर बना हुआ है और ग्वालियर शहर से करीब 23 किलोमीटर दूर स्थित है।

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