इंदौर। नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे तथाकथित संत आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से एक बार फिर राहत मिली है। कोर्ट की डबल बेंच ने उसकी अस्थायी जमानत की अवधि बढ़ाते हुए उसे 12 अगस्त तक जेल से बाहर रहने की अनुमति दी है। खराब स्वास्थ्य के आधार पर दी गई इस जमानत के चलते वह पहली बार गुरु पूर्णिमा के दिन जेल से बाहर रहा। शनिवार को आसाराम इंदौर के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में नियमित जांच के लिए पहुंचा। वह करीब आधे घंटे अस्पताल में रहा।
जांच के दौरान उसकी ईको और हार्ट से जुड़ी कुछ प्रमुख जांचें की गईं। इस दौरान अस्पताल के प्रथम तल पर आमजन की आवाजाही को पूरी तरह रोक दिया गया। सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस और स्वयंसेवकों की संयुक्त टीम ने संभाली। आसाराम व्हीलचेयर पर अस्पताल पहुंचा और किसी से विशेष बातचीत नहीं की।
शर्तों पर मिली जमानत
हाईकोर्ट से मिली जमानत शर्तों के साथ दी गई है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि वह फॉलोअर्स से व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से मुलाकात नहीं करेगा, किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रवचन नहीं देगा और मीडिया से बात नहीं करेगा। उसकी सुरक्षा के लिए तीन सुरक्षाकर्मी साथ रहेंगे, जिनका खर्च आसाराम स्वयं वहन करेगा। 2 सितंबर 2013 को जोधपुर पुलिस ने इंदौर स्थित उसके आश्रम से उसे गिरफ्तार किया था। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उसे छिंदवाड़ा के आश्रम से इलाज के बहाने जोधपुर बुलाया गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म हुआ। 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद से वह लगातार जोधपुर जेल में बंद है।
मिली अस्थायी रिहाई
हाल के वर्षों में उसे कई बार पैरोल या इलाज के लिए अस्थायी रिहाई मिली है। पहली बार 7 अगस्त 2024 को 7 दिन की पैरोल मिली थी। इसके बाद 11 नवंबर को 30 दिन की पैरोल और 15 दिसंबर को तीसरी बार 17 दिन की राहत दी गई। जनवरी 2025 में उसे पहली बार तीन माह की अस्थायी जमानत मिली। आसाराम कभी देश के प्रमुख संतों में गिना जाता था। दावा किया जाता है कि उसके देश-विदेश में 4 करोड़ से अधिक अनुयायी हैं। मुख्यमंत्री, मंत्री, बड़े अधिकारी तक उसके सत्संग में शामिल होते थे। लेकिन 2013 में नाबालिग से रेप के आरोपों के बाद उसका तथाकथित आध्यात्मिक चेहरा उजागर हुआ। उसके खिलाफ एक अन्य महिला ने भी रेप का मामला दर्ज कराया है, जिसकी सुनवाई अलग चल रही है।
इंदौर में अस्पताल पहुंचने की खबर लगते ही बड़ी संख्या में अनुयायी अस्पताल के बाहर जमा हो गए। हालांकि, पुलिस ने किसी को मिलने की अनुमति नहीं दी। डॉक्टरों के अनुसार, उसकी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे इलाज की योजना तैयार की जा रही है।
