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12 दिसंबर को निकलेगी बाबा रणजीत की भव्य प्रभातफेरी, दो खास झांकियां रहेंगी आकर्षण

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Published On: 17 November 2025

इंदौर में बाबा रणजीत के सालाना आयोजन की तैयारियां इस बार काफी जोरों पर हैं। मंदिर प्रबंधन और भक्त मंडल ने चार दिन का पूरा कार्यक्रम तय कर लिया है। 12 दिसंबर की सुबह 5 बजे निकलने वाली प्रभातफेरी इस बार और भी भव्य रहेगी। हर साल की तरह लाखों भक्त इसमें शामिल होंगे और बाबा के दर्शन करेंगे।

मंदिर के पुजारी पंडित दीपेश व्यास के मुताबिक 9 दिसंबर को कलेक्टर ध्वजारोहण कर उत्सव की औपचारिक शुरुआत करेंगे। इसके बाद 10 दिसंबर को मंदिर में दीपोत्सव और भजन संध्या का आयोजन होगा। भक्त अपने घरों से भी दीपक लाते हैं और पूरा परिसर दीयों की रोशनी से जगमगा उठता है। फूलों की रंगोली और भगवान का विशेष श्रृंगार भी इसी दिन किया जाएगा। रात 8 बजे से भजन संध्या रखी जाएगी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।

रक्षा सूत्र का कार्यक्रम

11 दिसंबर को बाबा के विग्रह का महाभिषेक होगा। इसके बाद सवा लाख रक्षा सूत्र अभिमंत्रित किए जाएंगे, जिन्हें प्रभातफेरी के बाद भक्तों में बांटा जाएगा। यह हर साल का मुख्य आकर्षण होता है, और भक्त बड़ी श्रद्धा से इन रक्षा सूत्रों को लेते हैं।

12 दिसंबर की प्रभातफेरी

12 दिसंबर की सुबह ठीक 5 बजे मंदिर परिसर से प्रभातफेरी शुरू होगी।

रूट इस तरह रहेगा

मंदिर → द्रविड़ नगर चौराहा → महू नाका चौराहा → दशहरा मैदान → अन्नपूर्णा मंदिर → नरेंद्र तिवारी मार्ग → वापस मंदिर।

करीब 4 किलोमीटर का यह रास्ता तय करने में लगभग 7 घंटे लगते हैं। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी 3 लाख से ज्यादा भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है। यात्रा खत्म होने के बाद लगभग 25 हजार भक्तों के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था रहेगी।

2000 सदस्य संभालेंगे व्यवस्थाएं

भक्त मंडल के लगभग दो हजार सदस्य अलग-अलग जिम्मेदारियां संभालेंगे। सुरक्षा, व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, रथ संचालन सबकी पहले से ही प्रैक्टिस शुरू हो जाएगी। हनुमंत ध्वज पताका समूह भी अगले दिनों में अभ्यास करेगा।

दो खास झांकियां

इस साल की प्रभातफेरी में दो झांकियां मुख्य आकर्षण होंगी। पहली झांकी रामायण की थीम पर तैयार की जा रही है। दूसरी झांकी में एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी, जिसमें मंदिर में चल रहे सेवा कार्य और विकास गतिविधियों को दिखाया जाएगा। दोनों झांकियां मंदिर प्रबंधन और भक्त मंडल मिलकर तैयार कर रहे हैं, ताकि भक्तों को पूरे आयोजन का आध्यात्मिक और सामाजिक संदेश दोनों मिले।

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