इंदौर में ट्रैफिक पुलिस ने एक ऐसी बस पकड़ ली, जो कागजों में तो पिकनिक और बारात ले जाने का परमिट लिए घूम रही थी, लेकिन असल में आम सवारियों को लंबी दूरी तक ढो रही थी। मामला चोइथराम चौराहे का है, जहां सोमवार को ट्रैफिक सूबेदार सुमित बिलोनिया और उनकी टीम नियमित चेकिंग कर रही थी। चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक बस को रोका और ड्राइवर से कागज मांगे। काफी देर की माथापच्ची के बाद ड्राइवर ने जो परमिट निकाला, वह पिकनिक/बारात वाला परमिट निकला। पुलिस को पहले ही शक था कि बस में बैठे लोगों का हुलिया बारातियों या पिकनिक मनाने वालों जैसा बिल्कुल भी नहीं है। इस पर टीम ने सीधे बस के अंदर जाकर यात्रियों से पूछताछ शुरू कर दी।
यात्रियों ने बताया कि वे मुंबई से लखनऊ जा रहे हैं और यह बस उन्हें नियमित किराए पर लेकर चल रही है। किसी ने भी पिकनिक या बारात में जाने की बात नहीं कही। बस में बैठे सभी लोग साधारण यात्री थे, जिनका परमिट से कोई लेना-देना नहीं था।
शर्तों का उल्लंघन
जब पूरा मामला साफ हो गया कि ड्राइवर परमिट की शर्तों का खुला उल्लंघन कर रहा है, तो ट्रैफिक पुलिस ने बस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना ठोक दिया। पुलिस का कहना है कि ऐसे गलत परमिट पर चलने वाले वाहनों पर अब सख्ती बढ़ाई जाएगी। इसी के साथ शहर में ट्रैफिक पुलिस ने नो एंट्री के उल्लंघन पर भी भारी कार्रवाई की है। 16 से 17 नवंबर के बीच सिर्फ 24 घंटे में 9 भारी वाहनों को नो एंट्री में घुसने पर पकड़ा गया और 95 हजार रुपए का समन वसूला गया। अन्य बसों पर भी नियम तोड़ने पर चालान बनाए गए हैं।
गलत परमिट का इस्तेमाल
पुलिस का कहना है कि कई बस ऑपरेटर गलत परमिट का इस्तेमाल कर यात्रियों को ढोते हैं, जिससे नियमों का तो उल्लंघन होता ही है, साथ ही हादसे की स्थिति में यात्रियों को कानूनी सुरक्षा भी नहीं मिलती। इसी वजह से ऐसे वाहनों पर अभियान चलाकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इंदौर पुलिस ने साफ किया है कि चाहे पिकनिक परमिट हो या बारात का अगर बस में आम सवारी बैठी मिली, तो तुरंत चालान होगा और आगे कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।
