देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (IET) में रैगिंग से जुड़ा नया मामला सामने आया है। यूनिवर्सिटी की एंटी रैगिंग कमेटी की जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ सीनियर छात्रों ने नेपाल में हुए GenZ आंदोलन की तर्ज पर विरोध की तैयारी की थी। इस पूरे घटनाक्रम में जूनियर छात्रों को सोशल मीडिया पर नकली अकाउंट बनाकर संदेश वायरल करने और विशेष हैशटैग ट्रेंड कराने के लिए मजबूर किया गया।
नकली अकाउंट और धमकी
रिपोर्ट के अनुसार, सीनियर्स ने फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स से फर्जी ईमेल आईडी और ट्विटर अकाउंट बनवाने का दबाव डाला। उन्हें सीनियर्स के मैसेज रीट्वीट करने और हैशटैग वायरल करने के लिए कहा गया। जब कुछ छात्रों ने विरोध किया तो उन्हें “बैच आउट” करने की धमकी दी गई। जांच में यह भी सामने आया कि सीनियर छात्र अमन पटेल के कहने पर विवेक शर्मा नामक फर्स्ट ईयर स्टूडेंट ने साथियों के फोन से वॉट्सऐप मैसेज डिलीट करवाए। वहीं, उमंग अग्रवाल द्वारा बनाए गए “सीनियर इंट्रोडक्शन” नामक ग्रुप में आंदोलन से जुड़े निर्देश साझा किए गए।
शिवसागर रेस्टोरेंट में हुई मीटिंग
एंटी रैगिंग कमेटी की जांच से पता चला कि छात्रों की बैठक शिवसागर रेस्टोरेंट में हुई थी। यहां अमन पटेल के साथ आदर्श मकवाना, आदित्य शर्मा, सुनील अहिरवार, नमन पांडे, यशश्वी मिश्रा और धवल चौधरी समेत कई छात्र मौजूद थे। इस दौरान हॉस्टल नियमों की आड़ में जूनियर्स पर दबाव बनाया गया। रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि अमन पटेल ने हॉस्टल के सीसीटीवी कैमरे तोड़ने की बात कही थी। उसका छोटा भाई अनुज पटेल प्रथम वर्ष का छात्र है, जो अवैध रूप से हॉस्टल में रहकर उसके लिए एजेंट का काम कर रहा था।
कुलपति ने दी जानकारी
कुलपति राकेश सिंघई ने बताया कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस से शिकायत की गई है। फिलहाल नामजद शिकायत नहीं हुई है। पुलिस जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि रैगिंग से जुड़े पहले भी कई मामलों में छात्रों पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन बदले की भावना से सीनियर्स ने यह नई योजना बनाई।
पुराने मामले भी खुले
एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर 19 अगस्त को दर्ज शिकायत में एक फर्स्ट ईयर छात्र ने बताया था कि उसे धमकाकर सिगरेट पिलाई गई और फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद छह छात्रों को हॉस्टल से बाहर किया गया था। वहीं, 29 अगस्त को थर्ड ईयर के छात्र से मारपीट का मामला भी सामने आया था। कैंटीन में गलती से “गुड मॉर्निंग” विश करने पर सीनियर्स ने उसकी पिटाई कर दी थी।
लगातार सामने आ रही घटनाओं से यूनिवर्सिटी प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। अब सभी मामलों की जांच प्रोक्टोरियल बोर्ड और पुलिस कर रही है, ताकि रैगिंग की इस संस्कृति पर सख्ती से अंकुश लगाया जा सके।