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MP ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025 में विशेषज्ञों ने कहा, बोले- स्मार्ट शहरों के लिए डेटा, एआई और क्वांटम टेक्नोलॉजी जरूरी

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Published On: 11 July 2025

भोपाल | ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, इंदौर में शुक्रवार को “MP ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025” के अंतर्गत “शहरी उत्कृष्टता के लिए आधुनिक तकनीक” विषय पर एक सत्र आयोजित हुआ। इस दौरान विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), डिजिटल ट्विन, और क्वांटम तकनीकों के इस्तेमाल को शहरी विकास की रीढ़ बताया।

विनय ठाकुर, स्पेशल डायरेक्टर जनरल, BISEG-N ने कहा कि स्मार्ट परिवहन, पुलिसिंग, रेरा मॉनिटरिंग और नागरिक सेवाओं के लिए एआई और जियो टैगिंग जैसी तकनीकों का समावेश ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग नागरिकों के हित में होना चाहिए।

समस्याओं का बेहतर समाधान

NICSI के एमडी आर. के. मिश्रा ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के तहत NICSI शहरों में तकनीक समायोजन के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहा है। बेंटली सिस्टम के रीजनल एग्जीक्यूटिव कमलाकन्नन थीरुवादी ने कहा कि डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी के जरिए रियलटाइम डेटा विश्लेषण कर शहरी समस्याओं के बेहतर समाधान तैयार किए जा सकते हैं।

कनेक्टिविटी सबसे अहम

क्विकहील के CTO आशीष प्रधान ने साइबर सुरक्षा की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी के साथ-साथ मजबूत गवर्नेंस मॉडल भी जरूरी है, ताकि भविष्य में साइबर खतरों से नागरिकों की जानकारी सुरक्षित रखी जा सके। एमनैक्स के हेड शामिक जोशी ने कहा कि स्मार्ट शहरों के लिए कनेक्टिविटी सबसे अहम है। उन्होंने मुंबई में सीमलेस टिकटिंग और बेंगलुरु में द्रुत मॉडल की सफलता के उदाहरण दिए।

डिजिटल ढांचा जरूरी

CS Tech AI के एमडी डॉ. अभय किम्मटकर ने जल वितरण जैसे क्षेत्रों में सेंसर आधारित निगरानी और दीर्घकालीन योजना की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि 50 साल आगे का सोचते हुए अवसंरचना में तकनीक को समायोजित करना होगा। गूगल क्लाउड इंडिया के सोल्यूशन आर्किटेक्ट प्रवीण दवे ने कहा कि शहरी नियोजन, मूल्यांकन और सेवाओं के डिजिटलीकरण के लिए एकीकृत डिजिटल ढांचा जरूरी है, जिससे प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी।

सुरक्षा ढांचा तैयार

प्रोटीन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट श्रीजीत नायर ने सुझाव दिया कि डेटा शेयरिंग के लिए अनुमति आधारित सिस्टम बनाया जाए और ऐप्स पर नागरिकों से फीडबैक लेकर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। सत्र में क्वांटम टेक्नोलॉजी को अगली पीढ़ी की साइबर सुरक्षा तकनीक बताया गया। वक्ताओं ने कहा कि भारत सरकार का क्वांटम मिशन इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है और इसके जरिए मजबूत डिजिटल सुरक्षा ढांचा तैयार किया जा सकता है।

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