कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पीएम इतनी गिरावट पर आ जाएंगे, मुझे उम्मीद नहीं थी। जिस व्यक्ति ने अपशब्द कहे हैं, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। वह न कांग्रेस का सदस्य है और न समर्थक। कांग्रेस इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कभी कर ही नहीं सकती।
वे इंदौर में कामरेड होमी दाजी की स्मृति में आयोजित ‘भारत में समाजवाद, संभावनाएं और चुनौतियां’ विषय पर चर्चा में शामिल होने पहुंचे थे। कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।
GST 2.0 पर जताई नाराज़गी
दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए नए जीएसटी 2.0 सुधारों को अपर्याप्त बताया। उन्होंने कहा कि संसद में पहले भी उन्होंने यह बात रखी थी कि 5 स्लैब वाला टैक्स सिस्टम नहीं चल सकता। इसे सरल और जनहितैषी बनाने की जरूरत है।
धर्म और आस्था पर बोले
कांग्रेस नेता उमंग सिंघार के हालिया बयान पर उन्होंने कहा कि मूल रूप से यह देश आदिवासियों का है। बाकी सभी तो सेंट्रल एशिया से यहां आए हैं। संविधान हर किसी को अपने धर्म और आस्था मानने का अधिकार देता है। आदिवासी प्रकृति पूजक हैं और उन्हें अपने रीति-रिवाजों के अनुसार धर्म मानने की पूरी स्वतंत्रता है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह इस विषय को गलत तरीके से प्रचारित कर रही है।
समाजवाद को बताया कांग्रेस की नीति
दिग्विजय सिंह ने कहा कि आजादी के आंदोलन से लेकर आज़ादी के बाद तक समाजवाद कांग्रेस की नीतियों का आधार रहा है। उन्होंने नेहरू और इंदिरा गांधी के दौर का जिक्र करते हुए कहा कि जमींदारी उन्मूलन, भूमि सुधार, मिश्रित अर्थव्यवस्था, वोट का समान अधिकार, आरक्षण और मजदूर हितैषी कानून समाजवादी सोच के प्रतीक रहे हैं। लेकिन आज इन्हीं अधिकारों और कानूनों पर हमला हो रहा है। समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए लोकतंत्र को मजबूत करना जरूरी है।
सिंधिया और महापौर के बेटों का किया बचाव
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया को एमपीसीए का अध्यक्ष बनाए जाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि परिवारवाद हर जगह है। व्यापारी का बेटा व्यापारी बनता है, वकील का बेटा वकील, तो नेता का बेटा नेता क्यों नहीं? अगर प्रतिभा है तो वह आगे जाएगा, वरना कोई भी उसे बचा नहीं पाएगा। उन्होंने इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव के बेटे संघमित्र के भाषण की भी तारीफ की और कहा कि उनका भाषण बेहद प्रभावशाली था और उसमें सच बातें कही गईं।
