इंदौर का देवी अहिल्याबाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट इन दिनों कुछ ऐसा दिख रहा है मानो कोई बड़ा रेलवे स्टेशन हो। विंटर शेड्यूल लागू होने के बाद सुबह के वक्त यात्रियों की भीड़ इतनी बढ़ गई है कि एयरपोर्ट का हर कोना यात्रियों से भरा नजर आता है। सुबह 8 से 10 बजे का वक्त एयरपोर्ट के लिए सबसे मुश्किल बन गया है। इस दौरान पांच घरेलू और एक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट के डिपार्चर के चलते करीब 1000 यात्रियों की भीड़ एक साथ पहुंच जाती है। एंट्री गेट से लेकर सिक्योरिटी चेकिंग तक लंबी कतारें लग जाती हैं।
पहले शारजाह की अंतरराष्ट्रीय उड़ान रात 10:10 बजे रवाना होती थी, लेकिन अब इसका समय बदलकर सुबह 9:25 बजे कर दिया गया है। इसके चलते इंटरनेशनल डिपार्चर एरिया सुबह के समय सिर्फ विदेशी यात्रियों के लिए आरक्षित रहता है। पहले इस हिस्से का इस्तेमाल घरेलू यात्रियों के लिए भी होता था, जिससे भीड़ कम रहती थी। अब सभी घरेलू यात्रियों को डोमेस्टिक डिपार्चर एरिया से ही निकलना पड़ता है, जिसके कारण सुबह के वक्त वहां पैरों रखने की जगह नहीं बचती।
तीन गेट, हजार लोग
एयरपोर्ट पर इस समय सिर्फ तीन एंट्री गेट हैं दो पुरुषों के लिए और एक महिलाओं के लिए। हर यात्री को बारी-बारी से सिक्योरिटी जांच से गुजरना पड़ता है, जिससे करीब 20 से 30 मिनट सिर्फ चेकिंग में लग जाते हैं। कई बार यात्रियों को डर रहता है कि कहीं फ्लाइट छूट न जाए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स (ट्विटर)’ पर कई यात्रियों ने एयरपोर्ट की तस्वीरें साझा कर एविएशन मंत्री राममोहन नायडू और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को टैग करते हुए शिकायत की है। उनका कहना है कि व्यवस्था सुधारने के लिए अतिरिक्त स्टाफ और गेट बढ़ाने की जरूरत है।
एयरपोर्ट प्रबंधन की सफाई
प्रबंधन का कहना है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ट्रे और सिक्योरिटी स्टाफ की संख्या बढ़ाई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि सुबह के वक्त उड़ानों की संख्या ज्यादा होने से अस्थायी दबाव बनता है। विंटर शेड्यूल में इस बार इंदौर एयरपोर्ट से 90 से अधिक उड़ानें रोजाना संचालित हो रही हैं। पहले यह संख्या 82 थी। अब रोज करीब 11,500 यात्री इस एयरपोर्ट से सफर कर रहे हैं। इसके अलावा गोवा के लिए दो नई फ्लाइट्स भी शुरू की गई हैं। हालांकि, यात्रियों का कहना है कि सुविधाएं उड़ानों की रफ्तार के साथ नहीं बढ़ीं, इसी वजह से अब इंदौर एयरपोर्ट पर सुबह के घंटे स्टेशन जैसे लगने लगे हैं।
