इंदौर में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने नगर निगम के दो अधिकारियों को 40 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई शुक्रवार को हुई। गिरफ्तार अधिकारियों में पुनीत अग्रवाल, सहायक राजस्व अधिकारी (ARO) और रोहित साबले, प्रभारी बिल कलेक्टर (राजस्व विभाग, जोन-19) शामिल हैं।
मामला संतोष सिलावट निवासी गीता नगर का है। उन्होंने 1 अक्टूबर को EOW में शिकायत दर्ज कराई थी। उनके गोदाम पर नगर निगम के अधिकारियों ने नोटिस चस्पा कर उसे सील कर दिया था। गोदाम खोलने के लिए अधिकारियों ने रिश्वत की मांग की। 50 हजार रुपए की मांग की गई थी और पहली किश्त के तौर पर 40 हजार रुपए देने का समझौता हुआ। इस गिरफ्तारी से यह साफ संदेश गया कि सरकारी काम में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जनता को न्याय दिलाना EOW की प्राथमिकता है।
EOW ने कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद EOW ने कार्रवाई की योजना बनाई। शुक्रवार को जैसे ही सिलावट ने दोनों अधिकारियों को 40 हजार रुपए दिए, EOW की टीम ने उन्हें मौके पर रंगे हाथों पकड़ लिया। इस टीम में कन्हैयालाल दांगी, संजय द्विवेदी (डीएसपी), टीआई कैलाशचन्द्र पाटीदार, आमोद सिंह राठौर और हरीश वर्मा शामिल थे। EOW ने बताया कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ शासकीय काम के एवज में रिश्वत मांगने, तकनीकी और डिजिटल साक्ष्य होने और मौके पर रंगे हाथों पकड़े जाने के आधार पर केस दर्ज किया गया। यह मामला धारा 7 भा.नि.अ. एवं 61(2) बीएनएस 2023 के तहत विवेचना में लिया गया है।
आम जनता परेशान
EOW अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश है। शिकायतकर्ता संतोष सिलावट ने भी अधिकारियों की कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों के कारण आम जनता परेशान होती है, लेकिन अब ऐसी कार्रवाई से भरोसा बढ़ेगा। इस मामले ने नगर निगम और राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर किया है। अधिकारियों की लापरवाही और रिश्वतखोरी के कारण आम नागरिकों को अपने काम पूरे कराने में कठिनाई होती थी। EOW ने बताया कि आगे भी ऐसे मामलों की सख्ती से जांच की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी।