इंदौर | मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) में बीएड चौथे सेमेस्टर के परिणामों को लेकर छात्रों में जबरदस्त आक्रोश है। सोमवार को बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं यूनिवर्सिटी के आरएनटी मार्ग स्थित मुख्यद्वार पर जमा हो गए और रिजल्ट में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियां और नारों के साथ उन्होंने दोबारा निष्पक्ष जांच की मांग की।
छात्रों का कहना है कि 30 जुलाई को घोषित बीएड के चौथे सेमेस्टर के परिणाम में लगभग आठ हजार में से केवल तीन हजार छात्र ही पास हुए हैं, बाकी या तो फेल कर दिए गए या उन्हें एटी-केटी (Allowed to Keep Terms) दे दी गई। प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों का आरोप है कि कॉपी चेकिंग में मनमानी की गई और टारगेट कर कुछ विषयों में जानबूझकर फेल किया गया।
कराई री-चेकिंग
प्रदर्शन कर रहे छात्रों में से कई ने बताया कि उन्होंने पहले भी एटी-केटी आने पर री-चेकिंग कराई थी, लेकिन उन्हें फिर से एटी-केटी ही दे दी गई। इससे छात्रों का मनोबल टूट गया है और भविष्य अधर में लटका नजर आ रहा है। छात्रों की मांग है कि उत्तरपुस्तिकाओं की दोबारा जांच कराई जाए लेकिन यह प्रक्रिया DAVV से बाहर किसी तटस्थ संस्था द्वारा करवाई जाए ताकि निष्पक्षता बनी रहे।
छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को 15 दिन का समय दिया है, जिसमें कॉपी दोबारा जांचकर संशोधित परिणाम जारी करने की मांग की गई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 35% से कम रिजल्ट आने का सीधा असर उनके करियर और शिक्षक बनने के सपनों पर पड़ रहा है।
कुलगुरु ने दी प्रतिक्रिया
इस मसले पर विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राकेश सिंघई ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने माना कि बड़ी संख्या में छात्रों को एटी-केटी आई है और छात्रों की नाराजगी जायज हो सकती है। सिंघई ने भरोसा दिलाया कि यूनिवर्सिटी पूरे मामले की जांच कराएगी और देखा जाएगा कि किन विषयों में अधिक संख्या में छात्र फेल हुए हैं और क्या मूल्यांकन में जरूरत से ज्यादा सख्ती बरती गई।
यदि जांच में कोई विसंगति पाई जाती है तो संबंधित विषयों की कॉपियां यूनिवर्सिटी से बाहर चेक कराई जाएंगी। फिलहाल, छात्रों की निगाहें प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।
